उत्तरप्रदेश धर्म परिवर्तन मामले में बड़ा खुलासा, 2 हजार रुपए में करता था काजी सर्टिफिकेट जारी, जल्द ED करेगी जांच

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले के दस्तावेज ईडी को सौंपे हैं, ईडी जल्द ही इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर सकती है
उत्तरप्रदेश धर्म परिवर्तन मामले में बड़ा खुलासा, 2 हजार रुपए में करता था काजी सर्टिफिकेट जारी, जल्द ED करेगी जांच

डेस्क न्यूज़- उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन रैकेट मामले में बड़ा खुलासा हुआ है, पूछताछ के दौरान इस मामले में गिरफ्तार काजी जहांगीर के खुलासे के मुताबिक काजी 2000 रुपये में धर्मांतरण का प्रमाण पत्र जारी करता था, उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले के दस्तावेज ईडी को सौंपे हैं, ईडी जल्द ही इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर सकती है।

बिना किसी दबाव के इस्लाम धर्म अपना रहे हैं

यूपी धर्म परिवर्तन रैकेट मामले में गिरफ्तार मौलाना काजी जहांगीर अपनी ही जिंदगी के जाल में बुरी तरह फंस गया था, सूत्रों के मुताबिक, काजी जहांगीर ने पूछताछ के दौरान जांच अधिकारियों को बताया कि इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, लोग उनके सामने आते थे और कहते थे कि वह बिना किसी दबाव के इस्लाम धर्म अपना रहे हैं, तब वह सर्टिफिकेट बनवाते थे, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि मूक-बधिर का सर्टिफिकेट कैसे बनता है? क्या बहरे और गूंगे ने उसे यह कहा था या क्या वह उसके हावभाव को समझता है? तो मौलाना अपने ही जाल में फंस गया और सूत्रों के मुताबिक उसने माना कि वह सर्टिफिकेट बनवाने के लिए दो हजार रुपए लेता था।

धर्म परिवर्तन रैकेट में बड़ा खुलासा

धर्म परिवर्तन कानून के नए नियमों से पहले धर्म परिवर्तन के लिए केवल काजी के प्रमाण पत्र की जरूरत होती थी, जिसके आधार पर धर्मांतरण को स्वीकार किया जाता था, लेकिन इस खुलासे के बाद कि धर्मांतरण के प्रमाण पत्र के लिए ₹2000 लिए गए थे, इस मामले में धर्म परिवर्तन करने वाले सभी प्रमाणपत्र धारकों से पूछताछ की तैयारी की जा रही है।

धर्म परिवर्तन के प्रमाण पत्र बरामद

सूत्रों ने बताया कि अब तक की जांच के दौरान बिहार के पटना, मुंगेर और गया में भी इस मामले के तार मिले हैं, क्योंकि इन लोगों के पास से वहां के लोगों के धर्म परिवर्तन के प्रमाण पत्र भी बरामद हुए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश पुलिस इस मामले में अन्य जांच एजेंसियों की भी मदद लेने जा रही है।

इस रैकेट से देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा हो सकता था

सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले के दस्तावेज प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दिए हैं और ईडी मुख्यालय इन दस्तावेजों की जांच का काम करेगा, इस जांच के बाद इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया जा सकता है, इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के तार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े बताए जा रहे हैं, वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इस रैकेट से देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा हो सकता था।

जाँच एजेंसियां सबूत की तलाश में

जांच से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है और अब तक की जांच के दौरान इस मामले को जाकिर नायक और आतंकी संगठनों से भी जुड़े होने की बात कही जा रही है, खुद उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज कर ली है, इस मामले में आईएसआई के तार जोड़ने की बात कही गई है, लेकिन मामले से जुड़े आला अधिकारी के मुताबिक जांच अभी शुरुआती चरण में है और इस जांच के दौरान जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनकी अपराध में संलिप्तता सामने नहीं आती है, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि कोर्ट सबूत मांगता है और जांच एजेंसियां ​​भी उसी सबूत की तलाश में हैं।

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