डेस्क न्यूज़- चमोली के तपोवन में एनटीपीसी सुरंग में फंसे 39 श्रमिकों को बचाने का प्रयास बुधवार को भी जारी है। लगभग ढाई किलोमीटर लंबी यह सुरंग आपदा में मलबे से भर गई है। अब तक 120 मीटर क्षेत्र की सफाई की जा चुकी है। सेना, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें लगातार इस अभियान में लगी हुई हैं।

सुरंग में फंसे श्रमिकों को हाइपोथर्मिया का खतरा
कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा हैं कि 4 दिनों तक सुरंग में फंसे श्रमिकों में हाइपोथर्मिया (सामान्य से कम शरीर का तापमान) और गिरते ऑक्सीजन स्तर की समस्या हो सकती है। वही उत्तराखंड आपदा के बाद बचाव के तीसरे दिन मंगलवार को 6 और शव मिले। अब तक 32 लोगों के शव मिले हैं। सरकार के अनुसार, दुर्घटना के बाद 206 लोग लापता हो गए। इनमें से 174 लोगों का अभी पता नहीं चला है।
बता दे कि अभी तक 174 लोगो का पता नही चल पाया हैं, जो लोग लापता हैं, उनमें ऋृत्विक कंपनी के 21, ऋत्विक कंपनी की सहयोगी के 94, HCC कंपनी के 3, ओम मेटल के 21, तपोवन गांव के 2, रिंगी गांव के 2, ऋषि गंगा कंपनी के 55, करछो गांव के 2, रैणी गांव के 6 लोग लापता हैं। कुल 206 लोग लापता हैं, जिसमें से 32 लोगों के शव मिले हैं, जबकि 174 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है
अमित शाह ने सदन को बताया – ज्यादातर इलाकों में शुरू हो गई है बिजली की आपूर्ति
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि उत्तराखंड दुर्घटना में 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का एक ग्लेशियर समुद्र तल से 5600 मीटर की ऊंचाई पर गिरा। इससे धौलीगंगा और ऋषिगंगा में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। साथ ही, उत्तराखंड सरकार के अनुसार, अब निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा नहीं है, जल स्तर भी घट रहा है। ज्यादातर इलाकों में बिजली की आपूर्ति शुरू हो गई है। साथ ही, सीमा सड़क संगठन (BRO) 5 क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत कर रहा है।
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