राजस्थान में टीकाकरण की गति धीमी हो गई है। वैक्सीन का स्टॉक नहीं होने के कारण राज्य के सभी जिलों में 50 प्रतिशत से अधिक केंद्रों को बंद करना पड़ रहा है. जयपुर जिले में जहां 200 केंद्रों पर प्रतिदिन टीकाकरण होता था, आज यहां 41 केंद्रों पर ही टीकाकरण हो रहा है। इसमें भी वैक्सीन की पहली डोज नए लोगों को देने की जगह दूसरी डोज वालों को प्राथमिकता दी जा रही है.
अगर आप जुलाई में वैक्सीन की अपनी पहली खुराक का इंतजार
कर रहे हैं, तो आपके लिए एक अहम खबर है। राज्य में वैक्सीन की
कमी के चलते जुलाई में पहली खुराक लेने वालों पर संकट आ
सकता है. क्योंकि जुलाई में जितने लोगों को दूसरी खुराक लेनी है,
राज्य को जुलाई में केंद्र सरकार से कम खुराक मिलेगी.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार आज जयपुर प्रथम (शहरी क्षेत्र) के केवल 16 केंद्रों पर टीका लगाया जा रहा है। इन सभी केंद्रों पर कोवैक्सीन लगाया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक पहली प्राथमिकता दूसरी डोज वालों को दी जा रही है। इसके अलावा जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के 25 केंद्रों पर टीकाकरण किया जा रहा है।
जुलाई में पूरे राज्य के अंदर करीब 75 लाख लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक मिलनी है. जुलाई में केंद्र सरकार ने राज्य को केवल 65 लाख खुराक उपलब्ध कराने को कहा है, जिसमें से केवल 16 लाख खुराक निजी अस्पतालों को दी जाएंगी. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अब इस बात को लेकर असमंजस में है कि टीका किसको लगाया जाए, क्योंकि जिसकी दूसरी खुराक का समय आ गया है वह भी केंद्र पर आएगा और पहली खुराक वाले भी। ऐसे में पहली बार डोज लेने वालों के लिए जुलाई में टीकाकरण का संकट खड़ा हो सकता है।
पहली खुराक के संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने जुलाई में तय कोटे से ज्यादा वैक्सीन मुहैया कराने की मांग की है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि यदि जुलाई में वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक नहीं मिला तो कई दूसरी डोज वालों को समय पर वैक्सीन नहीं लग पाएगी, जिससे हम कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने से विफल हो सकते हैं।
राजस्थान में 1 मई से सभी वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू हो गया है, तब से हर दिन औसतन लगभग 2 लाख खुराक दी जा रही हैं। राज्य में अभी तक कुल 2 करोड़ 3 लाख 73 हजार लोगों को 2.44 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी है। राज्य में 40 लाख 64 हजार से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनका वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है।