कोविड -19 टीकाकरण देश भर में 16 जनवरी से शुरू किया जा रहा है। राज्य में टीकाकरण को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। राज्य के 161 सत्र स्थलों के अलावा, जयपुर जिले में 6 सत्र स्थलों पर आयोजित होने वाले कोविद -19 टीकाकरण के लिए टीकाकरण की खेप अधिकांश सत्र स्थलों पर पहुंच गई है।
चिकित्सा विभाग के अनुसार, 13 जनवरी तक, राजस्थान में दो कंपनियों की लगभग 5 लाख 63 हजार
वैक्सीन खुराक प्राप्त हुई है। जिसमें स्टेट वैक्सीन स्टोर, जयपुर को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ
इंडिया की 4,43,000 खुराक और भारत बायोटेक के को-वैक्सीन की 20,000 खुराक मिली है। 1,00,500 खुराकें
राज्य टीका स्टोर, उदयपुर को उपलब्ध कराई गई हैं।
स्वास्थ्य अधिकारी और पुलिसकर्मियों को संबंधित राज्य वैक्सीन स्टोर में वितरण के लिए बुलाया गया था।
राज्य के दो स्थानों से कोरोना टीकाकरण वितरित किया गया है। उदयपुर संभाग के जिलों में राजकीय वैक्सीन स्टोर उदयपुर से वैक्सीन वितरित की गई है। जबकि राज्य के अन्य संभाग के जिलों में, वैक्सीन राज्य वैक्सीन स्टोर, जयपुर से वितरित किया गया है। वैक्सीन वितरण का काम 14 जनवरी से किया गया है। सभी राज्यों से वैक्सीन वैन, दो ड्राइवर और आरसीएचओ आठव उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी और पुलिसकर्मियों को संबंधित राज्य वैक्सीन स्टोर में वितरण के लिए बुलाया गया था।
वही pm मोदी ने कहा
कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े जवान सभी की जुबान पर यही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी। तो अब कोरोना की वैक्सीन आ गई है। वैक्सीन बनाने से जुड़े वैज्ञानिक धन्यवाद के हकदार हैं। न उन्होंने त्योहार देखा, न दिन देखा है, न रात देखी। इतने कम दिनों में एक नहीं, दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। ऐसी ही उपलब्धियों के लिए राष्ट्र कवि रामधारी सिंह जी दिनकर ने कहा था- मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।
सुरक्षाबल, पुलिस, फायर ब्रिगेड और सफाईकर्मियों को वैक्सीन लगेगी।
जिन्हें रिस्क ज्यादा, उन्हें टीका पहले भारत का टीकाकरण अभियान बहुत मानवीकरण पर आधारित है। जिसे कोरोना संक्रमण का रिस्क सबसे ज्यादा है, उन्हें टीका पहले लगेगा। जो अस्पताल में स्टाफ है वे कोरोना की वैक्सीन के पहले हकदार हैं। इसके बाद उन लोगों को टीका लगाया जाएगा जिन पर देश की सुरक्षा या कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है। सुरक्षाबल, पुलिस, फायर ब्रिगेड और सफाईकर्मियों को वैक्सीन लगेगी। इनकी संख्या करीब 3 करोड़ है। इनके वैक्सीनेशन का खर्च भारत सरकार उठाएगी।
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