अविश्वास प्रस्ताव पर बहस जारी, प्रस्ताव की शुरुआत राहुल ने नहीं, गोगोई ने की

लोकसभा में आज अविश्वास प्रस्ताव पर यानी 8 अगस्त को चर्चा हो रही है। गोगोई ने कहा कि यह प्रस्ताव लाने का मकसद सिर्फ पीएम का मौन तोड़ना है। PM नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को इस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कर सकते हैं।
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस जारी, प्रस्ताव की शुरुआत राहुल ने नहीं, गोगोई ने की
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस जारी, प्रस्ताव की शुरुआत राहुल ने नहीं, गोगोई ने की
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पिछले कुछ दिनों में आपने ‘अविश्वास प्रस्ताव’ शब्द को कई बार सुना होगा। इस वक्त देश की राजनीति इसी ‘अविश्वास प्रस्ताव’ के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है। लोकसभा में आज से 3 दिन तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है।

लोकसभा में आज अविश्वास प्रस्ताव पर यानी 8 अगस्त को चर्चा हो रही है। कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर 35 मिनट तक स्पीच दी। उन्होंने मणिपुर हिंसा के साथ विदेश नीति तक के मुद्दे पर सरकार को घेरा। गोगोई ने कहा कि यह प्रस्ताव लाने का मकसद सिर्फ पीएम का मौन तोड़ना है।

निशिकांत दुबे ने बीजेपी की तरफ से कहा कि सोनिया जी का सिर्फ एक ही मकसद HAI - अपने बेटे को सेट करना और दामाद जी को भेंट करना।

गोगोई ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी मणिपुर में डबल इंजन सरकार विफल हो गई है। मणिपुर में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं।

PM नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को इस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कर सकते हैं।

PM से की गयी 3 याचनाएं

पहली: सदन में अपनी बात रखें, लोकसभा और राज्यसभा में भी उपस्थित हों।

दूसरी: मणिपुर में जाएं और पूरी पार्टी को साथ लेकर जाएं।

तीसरी: मणिपुर के संगठनों को बुलाकर उनसे मीटिंग करें।

भारत के संविधान में विश्वास प्रस्ताव या अविश्वास प्रस्ताव का कहीं भी जिक्र नहीं है। आर्टिकल-75 में सिर्फ कहा गया है कि सरकार और उनका मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति हमेशा जवाबदेह होता है।

लोकसभा में बहुमत होने पर ही सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार मिलता है। इसी के चलते रूल 198 में अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र है। अविश्वास प्रस्ताव में सिर्फ सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है या नहीं यही देखा जाता है।

अविश्वास प्रस्ताव में कितनी देर तक बहस होती है?

अविश्वास प्रस्ताव पर कितनी देर बहस होगी, इसका फिक्स नियम नहीं है। लोकसभा स्पीकर अलग-अलग मामलों में इसे तय करते हैं जैसे- 1963 में नेहरू सरकार के खिलाफ 40 घंटे तक बहस चली THI, वहीं 2018 में मोदी जी की सरकार के खिलाफ 12 घंटे बहस हुई थी।

लोकसभा स्पीकर तय करते हैं कि कौन सा सांसद कितनी देर बोलेगा। आमतौर पर ज्यादा सांसद वाली पार्टी को ज्यादा समय दिया जाता है। सरकार पर लगाये गये आरोपों पर जवाब देने का पूरा समय दिया जाता है।

अब तक कितनी बार अविश्वास प्रस्ताव पेश हुआ और कितनी सरकारें गिरी?

भारत के इतिहास में अब तक 27 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। अविश्वास प्रस्ताव कभी भी सफल नहीं रहे। सिर्फ एक बार मोरारजी देसाई के पास बहुमत नहीं होने पर उन्होंने वोटिंग से पहले इस्तीफा दे दिया था।

अविश्वास प्रस्ताव नहीं, विश्वास प्रस्ताव के चलते 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिर गई थी। 17 अप्रैल 1999 को AIADMK ने अपना समर्थन वापस ले लिया था जिसके कारण अटल बिहारी वाजपेयी को इस्तीफा देना पड़ा था। विश्वास प्रस्ताव के जरिए 7 नवंबर 1990 को वीपी सिंह सरकार और 11 अप्रैल 1997 को देवगौड़ा सरकार भी गिर चुकी हैं।

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