वेदर डेस्क न्यूज – लगभग एक हफ्ते की हल्की बारिश के बाद, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पिछले 24 घंटों में एक बार फिर से गोवा में रफ्तार पकड़ ली है। राज्य में मानसून की सक्रियता बढ़ गई है और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों ने कहा है कि आने वाले दिनों में मानसून मजबूत होने की उम्मीद है।
आईएमडी के विशेषज्ञों ने दक्षिण-पश्चिम मानसून की बढ़ती गतिविधि के कारण को दो मौसम प्रणालियों को जिम्मेदार ठहराया है जो वर्तमान में प्रचलित हैं – आंध्र तट पर एक ऊपरी हवा का संचलन और अरब सागर पर एक दबाव ढाल को मजबूत करना।
माॅनसून का ट्रफ भी फिलहाल हिमालय पर्वत के ऊपरी भाग में है। लोअर लेवल पर जो हवाएं बंगाल की खाड़ी से हरियाणा की ओर आ रही हैं, यह एंटी साइक्लोन उनको रोक रहा है। अरब सागर से नमी वाली जो कुछ हवा आ रही है, उससे राजस्थान या पंजाब में बरसात हो रही है। ऐसे में मानसून की झमाझम बरसात के लिए प्रदेश के बाशिंदों को 96 घंटे और इंतजार करना होगा।
चार-पांच जुलाई को पश्चिम विक्षोभ के साथ ही माॅनसून भी सक्रिय हो जाने की संभावना है। इससे अच्छी बरसात की उम्मीद बनेगी। हालांकि अगले तीन से चार दिनों की अवधि में कहीं-कहीं हलकी बरसात हो सकती है। उमस वाली गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद भी फिलहाल कम है और गर्मी भी बढ़ने की संभावना है।
बिहार के 12 जिलों में ग्रीन अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ का असर हिमालय के तराई में स्थिति जिलों के साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में है। इससे बिहार के विभिन्न जिलों में हल्की और मध्य दर्जे की बारिश होने की उम्मीद है।
बुधवार को पुन: ट्रफ लाइन राजधानी से गुजर सकती है। उसके बाद अगले दो दिनों तक तेज बारिश होती रहेगी। बिहार के 12 जिलों में 30 से दो जुलाई तक ग्रीन अलर्ट जारी किया गया है। पटना, बक्सर, नवादा, लखीसराय, बेगूसराय सहित 12 जिलों में बारिश के आसार हैं।
स्थानीय मौसम विभाग की मानें, तो आगामी दो दिन प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा। इसके बाद 30 जून को राजस्थान के बारां, चित्तौडगढ़, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, झालावाड़, उदयपुर और डूंगरपुर क्षेत्र में भारी बारिश की संभावनाएं है। वहीं एक जूलाई को भीलवाड़ा, बूंदी , चित्तौडगढ़ और कोटा में भी भारी बारिश हो सकती है। जयपुर में भी आगामी दो दिनों बाद बारिश का असर देखने को मिलेगा।
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