दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटरों के लिए क्या-क्या बड़े बदलाव किये गए।

इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव हाईटेक होगा। मतदाताओं की सुविधा और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने इस बार कई बड़े बदलाव किए हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटरों के लिए क्या-क्या बड़े बदलाव किये गए।

डेस्क न्यूज़ दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का इंतजार आज खत्म हो गया। आज यानी सोमवार को इसको लेकर चुनाव आयोग की तरफ से शाम साढ़े तीन बजे घोषणा कर दी गई। दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे और नतीजे 11 फरवरी को आएंगे। इस बार चुनाव आयोग ने वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं। दिल्ली में 2015 में 65% से अधिक मतदान हुआ था। मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में यह घटकर 60% रह गया था। आयोग मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए यह कवायद कर रहा है।

इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव हाईटेक होगा। मतदाताओं की सुविधा और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने इस बार कई बड़े बदलाव किए हैं। इस बार मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल ले जा सकेंगे। साथ ही अपने मोबाइल पर जेनरेट हुई क्यूआर कोड वाली पर्ची दिखा वोट डाल सकेंगे। मोबाइल ले जाने की सुविधा इसलिए भी शुरू की गई है, क्योंकि चुनाव में पहली बार क्यूआर कोड वाले वोटर स्लिप का प्रयोग हो रहा है। 

 चुनाव आयोग मतदान से पहले मतदाता पर्ची भेजेगा। उसमें एक क्यूआरकोड होगा। इसे चुनावकर्मी स्कैन करके आपको मतदान के लिए प्रवेश देंगे। अगर आप वह पर्ची लेकर नहीं पहुंचे हैं तो अपने मोबाइल पर वोटर हेल्पलाइन ऐप से डिजिटल क्यूआर कोड वाली मतदाता पर्ची जेनरेट करना होगा। मतदान केंद्र पर बूथ लेवल ऑफिसर आपकी पर्ची स्कैन कर एक नंबर देंगे। इसके बाद मतदान करने जा सकेंगे। हालांकि, इससे पहले मोबाइल जमा कराना होगा।

बता दें सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त अरोड़ा ने संवाददाताओं को बताया, 'दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 जनवरी है जबकि नामांकन पत्र की जांच 22 जनवरी को होगी।'  उन्होंने बताया कि नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 24 जनवरी है। दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं जिसमें से 58 सामान्य श्रेणी की है जबकि 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

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