विश्व स्वास्थ संगठन (डब्लूएचओ) ने फाइजर और बायोटेक कंपनियों द्वारा निर्मित वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मान्यता दे दी। डब्लूएचओ ने कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार किसी वैक्सीन को यह मंजूरी दी है।
डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि विश्व स्वास्थ संगठन ने आज आपातकालीन तौर पर इस्तेमाल करने के लिए फाइजर और बायोटेक की वैक्सीन को मान्यता दे दी है। उल्लेखनीय है कि विश्व के कई देशों ने कोरोना की वैक्सीन निर्मित की है, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने फिलहाल केवल इन दो वैक्सीन को ही मान्यता दी है।
भारत बायोटेक द्वारा प्रस्तुत अतिरिक्त डेटा और जानकारी का विश्लेषण कर रहे हैं।
वही : ड्रग रेगुलेटर के विशेषज्ञ पैनल की महत्वपूर्ण बैठक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक और फाइजर द्वारा मांगी गई कोरोनोवायरस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल पर मंजूरी देने को लेकर चल रही है।
सीरम, जो ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशिल्ड वैक्सीन बना रहा है, और भारत बायोटेक,
जिसने कोवैक्सीन बनाने के लिए आईसीएमआर के साथ सहयोग किया था, ने 30 दिसंबर को सेंट्रल ड्रग
स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑगेर्नाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी के समक्ष अपना डेटा प्रस्तुत किया था।
अमेरिका की फाइजर ने अपना डेटा पेश करने के लिए और समय मांगा था।
30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना बनाई है।
बुधवार को बैठक के बाद, विशेषज्ञ पैनल ने कहा था कि वे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और
भारत बायोटेक द्वारा प्रस्तुत अतिरिक्त डेटा और जानकारी का विश्लेषण कर रहे हैं। अगली बैठक 1 जनवरी को निर्धारित की गई थी।
केंद्र सरकार ने पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना बनाई है।
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