प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को पूछा कि वह कोरोनो वायरस के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए उतना ही जुनून क्यों नहीं दिखा रहे थे जितना चुनाव जीतने के लिए दिखाया गया। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर "अपनी जिम्मेदारियों की अनदेखी" करने का आरोप लगाया है। सिब्बल ने पीएम मोदी से पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियों को संबोधित करने के लिए सवाल किया है।
सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, "मोदीजी, आप चुनाव जीतने के लिए
अपनी सारी ताकत, मांसपेशियों की शक्ति, फेफड़े की शक्ति,
संसाधनों का उपयोग करते हैं। हमारे लोगों के लिए कोरोनो वायरस
के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए जुनून क्यों नहीं?"
राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि
केंद्र सरकार की टीकाकरण की रणनीति भेदभावपूर्ण है और उसने कमजोर वर्गों के लिए कोई टीका गारंटी नहीं दी है।
उन्होंने ट्वीट किया, "18 से 45 साल के आयुवर्ग के लोगों के लिए कोई मुफ्त नहीं टीका नहीं होगा।
कीमतों पर नियंत्र किए बिना बिचौलियों को ला दिया गया। कमजोर वर्गों के लिए टीके की कोई गारंटी नहीं है।"
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, "भारत की टीका की रणनीति वितरण करने नहीं, बल्कि भेदभाव करने करने वाली है।"
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोग कोविड -19 की रोकथाम के लिए टीकाकरण करवा सकेंगे। सरकार ने टीकाकरण अभियान में भी ढील दी, जिससे राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे वैक्सीन निर्माताओं से खुराक खरीदने करने की अनुमति मिली।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन की कीमत का फैसला कंपनियों पर छोड़ दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, "पिछले एक साल में, कोरोना टेस्ट के नाम पर जनता से बहुत लूटपाट हुई, लेकिन न तो अस्पताल, न डॉक्टर, न वेंटीलेटर, न वैक्सीन और न ही दवाएं और न ही 6,000 की राशि खाते में जमा की गयी। हाँ, विज्ञापन और तस्वीरें कोरोना के नाम से छपी थीं। "
सुरजेवाला ने दावा किया, "19 अप्रैल को टीकाकरण की उम्र तो 18 साल कर दी पर क़ीमत का निर्णय अब सरकार नही, टीका बनाने वाली कम्पनी करेगी। यानी अब टीका मुफ़्त नही, अब टीका 200 रुपये में भी नही, अब टीके की कीमत का निर्णय कम्पनी करेगी, है ना सचमुच आपदा में अवसर! मोदी है तो यह मुमकिन है।"