न्यूज़- यहां एक किराएदार ने मकान मालिक द्वारा किराए को लेकर लगातार दबाव बनाने के चलते खुदकुशी कर ली। वह किराएदार उड़ीसा का प्रवासी श्रमिक था। उसकी पहचान 45 वर्षीय मधुसेन मिश्रा के तौर पर हुई। मधुसेन यहां प्लंबर का काम करता था। आज सुबह 6 बजे पड़ोसी ने उसकी लाश देखी। जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया।
सूचना मिलने पर शिवाजी नगर थाना क्षेत्र की पुलिस घटनास्थल पहुंची। वहीं, एक पड़ोसी ने पुलिस को बताया कि, मिश्रा परेशान चल रहा था। मिश्रा का कहना था कि मकान मालिक बार-बार किराया मांगकर तंग कर रहा था। वह दवाब डाल रहा था। लॉकडाउन के इन दिनों किराया चुका पाना उसके लिए मुश्किल था।
पुलिस ने आशंका जताई है कि, मकान मालिक के दवाब बनाए जाने पर ही मधुसेन ने जहर खाकर आत्महत्या की। उक्त मकान मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस को दी गई शिकायत में एक पड़ोसी ने कहा कि जब उसे अपने दरवाजे पर दस्तक देने के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उसने मकान मालिक और अन्य किरायेदारों को बुलाया। उन्होंने खिड़की की ग्रिल को तोड़ी और अंदर से दरवाजे की कुंडी खोली। वहां देखा कि जहर की बोतल के बगल में मधुसेन की लाश पड़ी थी।
शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने कहा, "हमने मकान मालिक के खिलाफ आईपीसी की धारा-306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत एफआईआर दर्ज की है। जांच जारी है, लेकिन हमने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है। हमने मृतक के परिवार को भी सूचित कर दिया है, लेकिन वे कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लाश ले जाने में असमर्थ हैं। लाश अभी मोर्चरी में है।"
एसएचओ ने कहा- "मधुसेन के परिवार का कहना है कि 20 साल पहले घर से चला गया था तब से मुश्किल से उनके संपर्क में आया।"
ज्ञातव्य है कि, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पहले चेतावनी दी थी कि चिकित्सा कर्मचारी या मजदूरों से मकान को खाली करने के लिए को कहा या उन पर किराए का दवाब बनाया तो मकान मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। ऐसा सरकार के आदेश के बाद किया गया है, जिसे लॉकडाउन खत्म होने तक प्रभावी रखा जाएगा।