पिछले कुछ समय से न्यूक्लियर सिक्योरिटी को लेकर रिस्क ज्यादा बढ़ रहा है। अमेरिका-बेस्ड अंतरराष्ट्रीय संगठन न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव (NTI) ने न्यूक्लियर सिक्योरिटी को लेकर एक रिपोर्ट साझा की है जिसमें पाकिस्तान को भारत से अच्छी रैंकिंग दी गयी है।
NTI दुनिया भर में न्यूक्लियर वेपन की सेफ्टी के मामले देखती है। NTI ने भारत, ईरान और उत्तर कोरिया से पाकिस्तान को ज्यादा अंक दिये हैं। पाकिस्तान ने 22 देशों की सूची में 19वां स्थान प्राप्त किया है।
NTI ने कहा कि दुनिया भर में प्लुटोनियम के स्टॉक की काफी वृद्धि हुई है। प्लुटोनियम का इस्तेमाल परमाणु हथियारो में किया जाता है। दुनिया में प्लुटोनियम का भंडार इतना ज्यादा है कि जिससे 2100 न्यूक्लियर वेपन बनाये जा सकते हैं।
वैश्विक भंडार में 2019 के बाद से प्लुटोनियम की मात्रा में 19 टन की बढ़ोतरी हुई है।
प्लुटोनियम भारत समेत फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, जापान और रूस जैसे देशों के पास काफी ज्यादा मात्रा में भंडार है।
पॉलिटिकल अस्थिरता की वजह से 22 में से 12 देशों में रिस्क सबसे ज्यादा है। NTI ने ईरान और नॉर्थ कोरिया को सबसे कम रैंकिंग दी है।
साउथ एशियन देशों ने रैंकिंग में सबसे ज्यादा सुधार किया है। रूस-यूक्रेन जंग के कारण न्यूक्लियर रिस्क ज्यादा बढ़ा है।
न्यूक्लियर सेफ्टी इंडेक्स की रैंकिंग में यूरेननियम और प्लूटोनियम वाले 22 देशों का एसेसमेंट किया जाता है जिसमे देखा जाता है कि वह देश अपने न्यूक्लियर मटीरियल की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।
इस रैंकिंग में एक किलोग्राम से कम परमाणु सामग्री वाले देशों को नही रखा जाता है।
SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में अब 12,512 परमाणु हथियार हैं। जिनमे से 9576 परमाणु हथियार हमले के लिए तैयार हैं। चीन ने दुनिया भर में सबसे ज्यादा परमाणु हथियारों का जखीरा तेजी से बढ़ाया है।
दुनिया के लगभग 90% परमाणु हथियार अमेरिका और रूस के पास हैं। भारत के मुकाबले चीन और पाकिस्तान ने तेजी से अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाई है।
रूस - 4489
अमेरिका - 3708
चीन - 408
फ्रांस - 290
ब्रिटेन - 225
पाकिस्तान - 170
इंडिया - 160
इजराइल - 90
नार्थ कोरिआ - 30
2 किलोमीटर के एरिया को पूरी तरह से बर्बाद कर सकता है
8 किलोमीटर के एरिया तक नुकसान होता है
आसपास के एरिया में बीमारियाँ फैलने लगती हैं