आंग सांग सू कि की बढ़ी मुश्किलें, अब व्यापारी ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
म्यांमार(Myanmar) में सत्ता हस्तांतरण(MilitaryCoup) को एक साल से भी काफी ज्यादा समय हो गया है। संभवतः अब तो लोगो के जेहन में ये भी न होगा की म्यांमार(Myanmar) में सत्ता हस्तांतरण हुआ कब था। ऐसा नहीं है की म्यांमार के सत्ता हस्तांतरण का कोई महत्त्व नहीं है लेकिन वास्तव में होता यही हैं। खैर, म्यांमार(Myanmar) में बीते साल एक फरवरी को सेना के द्वारा सत्ता हस्तांतरण करा गया था। और उसके बाद से ही देश में अस्थिरता का माहौल है। पूरे देशभर में इसके विरोध में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए और कमोबेश अभी भी जारी है। हालाँकि हालात अब भी जस के तस है और ताजा आंकड़ों कि बात करे 28 फरवरी तक देश में करीब 500000 लोग विस्थापित(Displace) हो चुके है। वहीँ वहां पर मौजूद लोग अब भी खाने पीने और दवाई जैसी मूलभूत सेवाओं के लिए तरस रहे है।
सत्ता हस्तांतरण(Army Coup) के बाद से म्यांमार में कई सामाजिक कार्यकर्ताओ ने तरह तरह के कैंपेन चलाये हैं और व्यापक स्तर पर प्रदर्शन कर सैन्य हस्तांतरण को गलत बताया है। खैर एक साल से भी लम्बे समय से चल रहे इस संघर्ष के चलते अब म्यांमार गृह युद्ध का सामना कर रहा है। स्थानीय लोग ने People's Defence Forces जैसी संघठन का गठन किया है और अब वे भी सेना से बदला लेते हुए उसके काफिलों और उसके अधिकारियो पर हमला कर रहे है, तो वहीँ सैकड़ो लोगों ने देश छोड़कर मिजोरम में आकर शरण ली है।
वैश्विक स्तर पर बात करे तो करीब एक महीने तक म्यांमार के मसले पर चर्चा होती रही, तो वहीँ चीन(China) पर वहां के हस्तांतरण को बढ़ावा देने का आरोप है। अमेरिका(USA) ने भी कुछ समय तक बयानबाजी हुई और भारत ने भी म्यांमार में हुई घटना पर दुःख जताया था। मोटे तौर पर बात की जाए तो अब सब शांत है। हाल ही में वहां के एक व्यापारी ने सू कि पर 550000 अमेरिकी डॉलर लेने का आरोप लगाया है। इसी के साथ सू कि के ऊपर अब तक 12 आरोप अब तक लगाए जा चुके है और हर आरोप कि अधिकतम सजा 15 साल हैं। इसके अलावा एक आरोप में उन्हें बीते हफ्ते छह साल कि सजा सुनाई जा चुकी है। म्यांमार के लोगो का इस घटना पर कहना है कि ऐसा सेना जान बूझकर कर रही है ताकि 76 वर्षीय सू कि का अधिकतर जीवन जेल में ही व्यतीत हो।