China News: मुस्लिमों की मजहबी और सांस्कृतिक पहचान मिटाने पर अमादा चीन के निशाने पर अब 13वीं सदी की एक मस्जिद है। यूनान प्रांत के नागू कस्बे स्थित नाजियिंग मस्जिद की गुंबद और मीनारों को गिराने की कोशिश का विरोध हो रहा है। इसके वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हैं। लेकिन इस्लामी मुल्कों ने इस पर चुप्पी साध रखी है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ सालों में नाजियिंग मस्जिद का विस्तार हुआ है। नई मीनारें और गुंबद जोड़े गए हैं। स्थानीय कोर्ट ने इन निर्माणों को अवैध करार देते हुए तोड़ने का आदेश दिया है। इसी के तहत कार्रवाई करने शनिवार (27 मई 2023) को पुलिस पहुंची थी। चीन के यूनान प्रांत में मुस्लिमों की अच्छी-खासी आबादी है। यह इलाका हुई मुस्लिमों का गढ़ है।
वीडियो में पत्थरबाजी करने वालों की पुलिस पिटाई करती भी दिख रही है। कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
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मुस्लिमों के भारी विरोध के चलते पुलिस मस्जिद के अवैध निर्माण नहीं तोड़ पाई। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मस्जिद के बाहर पुलिसकर्मियों और मुस्लिमों की भारी भीड़ देखी जा सकती है। इस दौरान मुस्लिमों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। मस्जिद में घुसने की कोशिश कर रही पुलिस पर पथराव भी किया गया।
इस घटना के बाद पुलिस ने रविवार को (28 मई 2023) को एक बयान जारी करते हुए विरोध करने वालों को सरेंडर करने के लिए अल्टीमेटम दिया है। चीनी अधिकारियों ने इस घटना को कानून-व्यवस्था में बाधा डालने की एक गंभीर कोशिश करार दिया। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि चीनी पुलिस अब तक विरोध-प्रदर्शन में शामिल दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
बता दें कि इससे पहले साल 2018 में भी चीनी सरकार हुई मुस्लिमों की निंगशिया में स्थित एक मस्जिद को तोड़ना चाहती थी। लेकिन मुस्लिमों के विरोध के बाद सरकार ने कुछ दिनों की शांति पकड़ ली थी। बाद में मीनारों और गुंबदों को तोड़कर उसे चीनी संस्कृति के पगोडा में बदल दिया गया था।
इसी तरह अक्टूबर 2021 में चीन के उत्तर-पश्चिमी शहर जिनिंग में स्थित डोंगुआन मस्जिद चीन की कम्युनिस्ट सरकार की शिकार हुई थी। लगभग 700 वर्ष पुरानी इस ऐतिहासिक मस्जिद के हरे गुंबदों को नष्ट कर दिया गया था।
ज्ञात हो कि कम्युनिस्ट चीन में नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार नहीं है। साल 2021 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ‘धर्म का चीनीकरण’ करने की बात कही थी। इसका सीधा मतलब यह है कि चीन धार्मिक आस्थाओं को चीनी संस्कृति और समाज के अनुकूल बनाना चाहता है।