पुरातन काल से बेटियों महिलाओं के शोषण की दास्तां आपने और हमने पढ़ीं है और इसके चलते दुनियाभर में बेटियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकारें और कई सामाजिक संगठन कार्य कर रहे हैं... हलांकि अब आधुनिक होते समाज में कहा जाता है कि जिनके घर बेटियां जन्म लेती हैं वे खुशनसीब होते हैं....। बेटियों का किसी घर में जन्म लेना लक्ष्मी का आगमन माना जाता है‚ लेकिन समाज में कुछ ऐसे दकियानूसी लोग भी हैं जो बेटियों को बोझ मानते हैं। ये दकियानूसी सोच को पेश किया है पाकिस्तानी एक्ट्रेस साहिबा अफजल (Sahiba Afzal) ने।
पाकिस्तान की इस अभिनेत्री साहिबा अफजल (Sahiba Afzal) ने बेटियों को बोझ समझने का बयान नेशनल टेलीविजन पर दिया है। साहिबा को अब इस बयान के बाद यूजर्स की कड़ी प्रतिक्रिया झेलनी पड़ रही है। साहिबा को यूजर्स ही नहीं पाकिस्तानी अन्य अभिनेत्रियों और अभिनेताओं की तीखी प्रतिक्रिया का भीस सामना करना पड़ रहा है।
पाकिस्तानी शिख्सियत जोड़ा अफजल खान और उनकी बैगम अभिनेत्री साहिबा अफजल (Sahiba Afzal) दरअसल अपने दोनों बेटों के साथ निदा यासीर के सहरी शो Good Morning Pakistan में पहुंचे थे। यहां साहिबा ने बेटा होने की पैरवी कर अजीबोगरीब बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि उनहें कभी भी बेटियां पसंद नहीं थी... और बेटियां नहीं चाहतीं थी.... साहिबा ने कहा कि मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करती हूं कि मुझे उसने बेटियां नहीं दीं। मैं खुशनसीब हूं कि अल्लाह ने मुझे दो बेटे दिए... पत्नी साहिबा के बाद तुरंत रिएक्ट करते हुए अफजल खान बोले- जब मैं अपने दोस्त शान शाहिद और Saud Yousuf का उनकी बेटियों संग शानदार बॉन्डिंग देखता हूं तो मुझे भी वो अनुभव हासिल करने की तमन्ना होती है। इसलिए मैं हमेशा से चाहता था मेरी एक बेटी भी हो।
साहिबा यहीं नहीं रुकी उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहती कि मेरी कभी बेटी हो क्योंकि मैं मानती हूं कि दुनिया में महिलाओं को अपनी पसंद पर कोई स्वायत्तता (autonomy) नहीं है और इसलिए मुझे हमेशा से अपनी किस्मत को लेकर डर बना रहता है....। मैं हमेशा से बेटा ही चाहती थी....। मैं अल्लाह की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे बेटी नहीं दी.... क्योंकि बेटियां काफी ज्यादा दबाव मेंर रहती हैं....। पूरी जिंदगी में लड़कियां अपनी मर्जी से नहीं जी पाती हैं.....। पहले माता पिता का दबाव फिर पति का दबाव.... उसकी खुद की कोई इच्छा बच पाती....। लड़कियों का अपना कोई जीवन नहीं होता है....।
लेकिन साहिबा मोहतरमा ये भूल गईं कि उनकी इस तरह की सोच ही पुरातनकाल में लोगों की थी तभी महिलाओं को वो मुकान नहीं मिल पाया जो पुरुषों को मिलता आया है। साहिबा को ये समझना चाहिए था कि जब उनके जैसे विचार जो कि महिला विरोधी और पुरुष के पक्ष में हैं ऐसा ही सब सोचने लग जाएं तो भला बेटी या महिला को लेकर समाज की वो दकियानूसी मानसिकता कैसे दूर होगी, जिसका ढिंढोरा वे नेशनल टेलीविजन पर पीट रहीं थी।
इस इंटरव्यू का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। जहां साहिबा ने एक सवाल पर बताया कि उन्हें अपने बेटों के लिए कैसी बहू चाहिए... वीडियो में साहिबा कहती हैं... कि उन्हें अपने बेटों के लिए लंबी...., गोरी और पतली लड़की चाहिए....। साहिबा के इस बयान पर अभिनेता मुअम्मर राणा की पत्नी मेहनाज ने प्रतिक्रिया दी है....। मेहनाज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- ...बेटियां रहम हैं और रहम कभी बोझ नहीं होती....। दूसरे पोस्ट में मेहनाज लिखती हैं- लकी है वो औरत.... जिसकी पहली संतान एक बेटी है....। मैं खुशनसीब हूं कि मेरी दो बेटियां हैं....।