बांग्लादेश नरैल जिले के लहगरा गांव में नमाज के बाद लोगों ने प्रदर्शन किया। ढाका ट्रिब्यून के अनुसार गुस्साई भीड़ ने सहपारा मंदिर में प्रवेश किया और फर्नीचर तोड़ दिया। आस-पास की दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी गई। लोगों का आरोप है कि एक लड़के की सोशल मीडिया पोस्ट ने मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
हमलावरों पर कोई कार्यवाही नहीं, पोस्ट करने वाले युवक के पीछे पुलिस
नरेल एसपी प्रबीर कुमार रॉय ने बताया कि अब स्थिति नियंत्रण में है और जो हिंसा के लिए जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने पोस्ट करने वाले युवक आकाश साहा का पता लगाने का प्रयास किया लेकिन वह युवक नहीं मिला तो उसके पिता को ले जाया गया। जबकि किसी भी हमलावर को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
''एक समूह ने हमारा सारा कीमती सामान लूट लिया। इसके बाद दूसरा समूह आया और उसने हमारा दरवाजा खुला पाया। चूंकि लूटने के लिए कुछ नहीं बचा था, इसलिए उन्होंने हमारे घर में आग लगा दी।''- दीपाली रानी साहा,स्थानीय निवासी
दिघलिया संघ परिषद की एक पूर्व महिला सदस्य ने कहा कि हमले के बाद ज्यादातर लोग गांव छोड़कर चले गए हैं। उन्होंने कहा, "लगभग सभी घरों में ताला लगा हुआ है।"
पिछले साल, बांग्लादेश में कुछ हिंदू मंदिरों में दुर्गा पूजा समारोह के दौरान अज्ञात मुस्लिम कट्टरपंथियों ने तोड़फोड़ की थी। जिसके बाद सरकार को 22 जिलों में अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा था। इस दौरान हुए दंगों में चार लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे।
इससे पहले हिंदू कॉलेज के एक प्राचार्य को जूतों की माला पहनने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा से जुड़ा एक पोस्ट किया था।
हिन्दुओं पर हमलों में वृद्धि
बांग्लादेश में बहुसंख्यक मुस्लिमों के द्वारा अल्पसंख्यकों पर हमलों के मामले में लगातार बढ़ोतरी हुई है। इनमें से कई हमले सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों के कारण हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक जनवरी 2013 से सितंबर 2021 तक हिंदुओं पर अब तक 3679 हमले हुए है।
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