यूक्रेन-रूस युद्ध में यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर रूस के हमले की आशंका जताई गई है। इस परमाणु संयंत्र का नाम पोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। यह न केवल यूक्रेन में बल्कि पूरे यूरोप में सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। ऐसे ही हमले में 36 साल पहले चेरनोबिल बर्बाद हुआ था। अब इससे 10 गुना बड़े खतरे की आंशका बताई जा रही है।
24 फरवरी को शुरू हुए इस संघर्ष को 112 दिन पूरे हो चुके हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस यूक्रेन के 20 प्रतिशत हिस्से को नियंत्रण में ले चुका है। यह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की सही स्थिति दर्शाने के लिए काफी है।
युद्ध से पहले, Svyrodonetsk की आबादी एक मिलियन के करीब थी, लेकिन अब यह लगभग 12,000 लोगों के होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि 500 से अधिक नागरिकों ने एज़ोट रासायनिक संयंत्र में शरण ली है। जिस पर रूसी सेना द्वारा भीषण गोलाबारी की जा रही है।
लुहान्स्क क्षेत्र से सोमवार को कुल 70 नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया। इस बीच एक रूसी सैन्य अधिकारी ने कहा कि Svyrodonetsk में एज़ोट रासायनिक संयंत्र से नागरिकों को निकालने के लिए बुधवार को एक मानवीय गलियारा खोला जाएगा।
अमेरिका- यूक्रेन की सीमा पर रूसी सेना के जमा होने का अमेरिका शुरू से ही विरोध करता रहा है। वह हमेशा चेतावनी देता रहा है कि रूसी सेनाएं कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकती हैं। रूस के राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र क्षेत्रों के रूप में मान्यता देने पर अमेरिका रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा रहा है।
जो बाइडेन ने दो रूसी वित्तीय संस्थानों वीईबी और रूसी सैन्य बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है। बाइडेन ने घोषणा की है कि रूसी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से हटाया जा रहा है। इसके साथ ही अमेरिका रूस के अमीर लोगों और उनके परिवारों पर भी प्रतिबंध लगा रहा है।
वहीं अमेरिका, यूक्रेन को हथियारों के जरिए मदद दे रहा है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को और हथियार देने का वादा किया है। हालांकि, अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह यूक्रेन में रूस के खिलाफ अपनी सेना नहीं भेजेगा।
ब्रिटेन- यूक्रेन पर ब्रिटेन-रूस का हमला शुरू हो गया है और इसे देखते हुए रूस पर प्रतिबंध कड़े किए जाएंगे। प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि यह एक बहुत ही खतरनाक संकेत है और रूस के इस कदम से यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन होगा। ब्रिटेन ने 6 रूसी बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। रूस के तीन सबसे बड़े अरबपतियों की ब्रिटेन स्थित संपत्ति को भी फ्रीज कर दिया गया है और ब्रिटेन में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
फ्रांस- रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सोमवार को राष्ट्र के नाम एक संबोधन में यूक्रेन के दो क्षेत्रों को स्वतंत्र राज्यों के रूप में मान्यता दी। फ्रांस ने पुतिन के संबोधन को 'पागलपन' बताया है। फ्रांस ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से किया वादा तोड़ दिया और अब फ्रांस रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाएगा। फ्रांस ने भी रूस पर यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का स्वागत किया है। मैक्रों लगातार कहते रहे हैं कि यूक्रेन पर हमला करने पर रूस को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
जर्मनी - जर्मनी ने रूस की नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन को बंद कर दिया है। रूस इस प्रोजेक्ट के जरिए जर्मनी को गैस पहुंचाने वाला था। जर्मनी ने कहा है कि रूस के हालिया कदम को लेकर यह फैसला लिया गया है। जर्मनी शुरू से ही यूक्रेन के पक्ष में रहा है।
बेलारूस - बेलारूस, रूस का बहुत करीबी सहयोगी रहा है। ऐसे समय में जब रूस-यूक्रेन तनाव अपने चरम पर है और युद्ध कभी भी शुरू हो सकता है। बेलारूस रूस के साथ सैन्य अभ्यास कर रहा है। 10 फरवरी से शुरू हुआ सैन्य अभ्यास 20 फरवरी को खत्म होने वाला था लेकिन अब इसे फिर से बढ़ा दिया गया है और दोनों देशों की सेनाएं यूक्रेन की सीमा के पास सैन्य अभ्यास कर रही है।
बेलारूस ने सोमवार को कहा कि नाटो के हटने पर रूसी सेना अपनी जमीन छोड़ देगी। नाटो देश पोलैंड, लातविया और लिथुआनिया, बेलारूस के साथ सीमा साझा करते हैं। जहाँ नाटो ने सेना तैनात की है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बारे में भूमिका निभाने का प्रस्ताव रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत करने के बाद रखा है। चीन के सरकारी टेलीविजन चैनल ने जिनपिंग के हवाले से कहा, चीन ने इस मसले पर शुरू से तटस्थ भूमिका रखी। हम विश्व में शांति बनाए रखना चाहते है। जिनपिंग का यह रूख अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के युध्द के शुरूआती दिनों में किए गए अनुरोधों के काफी बाद सामने आया है।