Khalistani Terrorist: दुर्दांत खालिस्तानी आतंकी परमजीत पंजवड़ की लाहौर में हत्या

Khalistani Terrorist: वांछित खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ को हमलावरों ने लाहौर के नजदीक सनफ्लावर सोसाइटी में घुस कर गोली मारी।
Khalistani Terrorist: दुर्दांत खालिस्तानी आतंकी परमजीत पंजवड़ की लाहौर में हत्या

Khalistani Terrorist: वांछित खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ उर्फ मलिक सरदार सिंह की शनिवार को पाकिस्तान के लाहौर में हत्या कर दी गई। बताया जा रहै है कि पंजवड़ पिछले तीस साल से वहां नाम बदल कर रह रहा था और वर्तमान में भी खालिस्तानी आतंक को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहा था।

मीडिया समाचारों के अनुसार, परमजीत सिंह पंजवड़ को लाहौर में कुछ बाइक सवारों ने निशाना बनाया। उसे बाइक पर आए दो हमलावरों ने लाहौर में जौहर कस्बे के तहत आती सनफ्लावर सोसाइटी के अंदर घुसकर कई गोलियां मारीं। उसके बाद हमलावर वहां से फरार हो गए। बताया जाता है कि पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई।

खालिस्तान कमांडो फोर्स का सरगना था पंजवड़

परमजीत सिंह पंजवड़ खालिस्तान कमांडो फोर्स का सरगना था, जो कि एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है। 90 के दशक से ही पंजवड़ पाकिस्तान में शरण लिए हुए था, वह पाकिस्तान में मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था।

बताया जाता है कि वह 1986 में पाकिस्तान गया था, जहां उसने लाहौर समेत कई ठिकाने बदले। उस पर भारत में कई थानों में हत्या, अपहरण, फिरौती, सशस्त्र अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं।

पाकिस्तान में ली शरण, पत्नी-बच्चे भेजे जर्मनी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पंजवार पाकिस्तान के लाहौर में रहा, लेकिन उसकी पत्नी और बच्चे जर्मनी चले गए। भारतीय पंजाब में ड्रोन के माध्यम से नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी में शामिल परमजीत तरन तारन के पास पंजवार गांव में जन्मा था। वह 1986 में अपने चचेरे भाई लाभ सिंह द्वारा कट्टरपंथी बनने के बाद केसीएफ में शामिल हो गया।

इससे पहले वह सोहल में एक केंद्रीय सहकारी बैंक में काम कर रहा था। भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों लाभ सिंह के खात्मे के बाद 1990 के दशक में पंजवार ने केसीएफ की कमान संभाली और पाकिस्तान चला गया।

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