PM Modi US Visit: अमेरिका के व्हाइट हाउस में भारतीय समयानुसार गुरुवार (22 जून 2023) की रात एक प्रेस कॉफ्रेंस हुआ। इसे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन ने संबोधित किया। इसी दौरान एक पत्रकार ने भारत में मुस्लिमों के साथ कथित भेदभाव और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार को लेकर सवाल पूछा।
जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें लोकतंत्र का पाठ पढ़ाते हुए बताया कि भारत किसी के धर्म, जाति, रंग, लिंग को देखकर भेदभाव नहीं करता।
यह सवाल पूछने वाली पत्रकार सबरीना सिद्दीकी वॉल स्ट्रीट जर्नल की व्हाइट हाउस रिपोर्टर हैं। अमेरिकी पत्रकारिता में यह सबसे महत्वपूर्ण बीट माना जाता है।
सिद्दीकी भारतीय-पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी हैं। उनके अब्बा जमीर की पैदाइश भारत में और परवरिश पाकिस्तान में हुई थी। उनकी अम्मी निशात पाकिस्तानी मूल की शेफ हैं। 24 की उम्र में पत्रकारिता शुरू करने वाली सबरीना के शौहर अली जाफरी हैं।
सबरीना के सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मुझे आश्चर्य हो रहा है कि आपने कहा है कि लोग कहते हैं। लोग कहते नहीं हैं बल्कि भारत एक लोकतंत्र है और जैसा कि राष्ट्रपति बायडेन ने कहा है भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है।
लोकतंत्र हमारी आत्मा है। लोकतंत्र हमारे रगों में है। लोकतंत्र को हम जीते हैं और हमारे पूर्वजों ने उसे संविधान के रूप में शब्दों में ढाला है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा है, “हमारी सरकार लोकतंत्र के मूलभूत मूल्यों को आधार लेकर बने हुए संविधान के आधार पर चलती है। हमारा संविधान और हमारी सरकार ने सिद्ध किया है कि ‘डेमोक्रेसी कैन डिलीवर’।
जब मैं डिलीवर कहता हूँ तब जाति, पंथ, धर्म, लिंग किसी भी भेदभाव को वहां जगह नहीं है। अगर मानवता नहीं है, ह्यूमन राइट्स नहीं है फिर तो लोकतंत्र है ही नहीं। जब लोकतंत्र को स्वीकार करते हैं और लोकतंत्र को जीते हैं तब भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं उठता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास को लेकर चलता है। भारत में सरकार के फायदे प्रत्येक हकदार को मिलते हैं। इसलिए भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भी भेदभाव नहीं है। ना धर्म के आधार पर। न जाति के आधार पर। न उम्र और न ही भूभाग के आधार पर।”
प्रेस कॉफ्रेंसके दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन से भी भारत में मानवाधिकार की स्थिति और अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर सवाल किया गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और मैंने लोकतांत्रिक मूल्यों के बारे में अच्छी चर्चा की है। यह हमारे रिश्ते का सबसे अच्छा हिस्सा है। हम एक दूसरे के साथ बहुत सहज हैं और एक दूसरे का सम्मान करते हैं।”
बायडेन ने कहा, “मेरा मानना है कि अमेरिका और चीन के संबंध अमेरिका और भारत के संबंधों की तरह नहीं हैं। इसका एक बुनियादी कारण यह है कि दोनों देश ही लोकतांत्रिक हैं। इसलिए हमारे बीच एक-दूसरे के लिए बहुत अधिक सम्मान है। दोनों देशों का एक समान लोकतांत्रिक चरित्र है। साथ ही दोनों जगह हमारे लोग, हमारी विविधता, हमारी खुली संस्कृति, सहिष्णुता भी समान है।”
गौरतलब है कि पीएम मोदी के राजकीय दौरे के दौरान भारत में मुस्लिमों के साथ कथित भेदभाव वाले प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने वाली सबरीना इकलौती नहीं हैं। उनसे पहले अमेरिकी सांसद इल्हान उमर और रशीदा तलीब ने भी इस प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाया था। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में यही राग अलापा था।