श्रीलंका वर्तमान में अपने इतिहास के बेहद खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश में आपातकाल झेल रहा है। इसी आपातकाल के बीच अब राजनीतिक संकट भी उत्पन्न हो गया है। महिंदा राजपक्षे ने अपना इस्तीफा श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को सौंप दिया है। महिंदा राजपक्षे के बाद उनके मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री रहे प्रोफेसर चन्ना जयसुमना ने भी राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
प्रधानमंत्री और स्वास्थ्यमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा इस द्वीपीय देश में आर्थिक संकट को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद दिया है। सोमवार को राजधानी कोलंबो में आर्थिक संकट को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी।
आर्थिक संकट को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे विरोधियों और महिंदा राजपक्षे के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। महिंदा राजपक्षे के समर्थकों के हमले में 16 लोग घायल हो गए थे। राजधानी कोलंबो में भड़की हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। दूसरी तरफ, विपक्षी दल भी लगातार पीएम के इस्तीफे और संयुक्त सरकार के गठन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
श्रीलंका 1948 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग समाप्त हो गया है, जिसके कारण वह आवश्यक चीजों का आयात करने में असमर्थ है। इसे देखते हुए बांग्लादेश ने करेंसी स्वैप के जरिए दी जाने वाली 20 करोड़ डॉलर की चुकौती अवधि को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। बांग्लादेश बैंक के निदेशकों ने एक बैठक में यह फैसला लिया। डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक सेंट्रल बैंक के प्रवक्ता सेराजुल इस्लाम ने कहा कि कर्ज की शर्तों में बदलाव किए बिना इसे बढ़ा दिया गया है। वहीं, सरकार के खिलाफ लोगों का विरोध जारी है।
बांग्लादेश ने मुद्रा विनिमय समझौते के तहत मई 2021 में श्रीलंका को 20 करोड़ डॉलर की सहायता दी थी। श्रीलंका को 3 महीने में कर्ज चुकाना था, लेकिन फिर श्रीलंका एक गंभीर वित्तीय संकट में आ गया। इसके बाद बांग्लादेश ने कर्ज चुकाने की अवधि बढ़ा दी है।
बांग्लादेश ने हाल ही में श्रीलंका को आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति भेजी है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन और स्वास्थ्य मंत्री जाहिद मालेक ने स्टेट गेस्ट हाउस में आयोजित एक टोकन हैंडओवर समारोह में बांग्लादेश में श्रीलंका के उच्चायुक्त सुदर्शन डीएस सेनेविरत्ने को दवाओं के बॉक्स भेंट किए। मोमेन ने दवा की सप्लाई को बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच एकजुटता और दोस्ती की अभिव्यक्ति के रूप में वर्णित किया। इस बीच, सेनेविरत्ने ने कहा कि श्रीलंका बांग्लादेश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को महत्व देता है और इसे और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान बांग्लादेश की एसेंशियल ड्रग्स कंपनी लिमिटेड और बांग्लादेश एसोसिएशन ऑफ फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज ने मिलकर श्रीलंका को 10 करोड़ की दवाएं सौंपीं।