ब्रिटेन की संसद ने रवांडा शरणार्थी विधेयक को पारित कर दिया है। इस विधेयक के तहत ब्रिटेन की सरकार अवैध रूप से ब्रिटेन आने वाले लोगों को अफ्रीकी देश रवांडा भेजेगी।
यह विधेयक बीते दो साल से अटका हुआ था और इसे अदालत में भी चुनौती दी गई। आखिरकार तमाम परेशानियों के बाद अब यह बिल कानून बनने वाला है। इसको लेकर ब्रिटेन के गृह मंत्री ने कहा है कि संसद में बिल पास हो गया है। जल्द ही इस पर कानून बन जाएगा।
ब्रिटेन में अवैध रूप से आने वाले शरणार्थियों खासकर आपराधिक गैंग्स द्वारा छोटी नौकाओं में जिन लोगों को ब्रिटेन भेजा जाता था, उन्हें रोकने के लिए रवांडा शरणार्थी विधेयक लाया गया था।
इस विधेयक के तहत अवैध रूप से ब्रिटेन आने वाले शरणार्थियों को ब्रिटेन की सरकार अफ्रीकी देश रवांडा भेजेगी। रवांडा ये शरणार्थी ब्रिटेन की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
जिसकी नागरिकता स्वीकार हो जाएगी, उन्हें ब्रिटेन बुलाकर नागरिकता दी जाएगी और जिनके आवेदन स्वीकार नहीं होंगे। उन्हें रवांडा भेज दिया जाएगा, या फिर वो व्यक्ति किसी तीसरे देश से नागरिकता मांग सकता है।
जानकारी के अनुसार 1 जनवरी 2022 को जो लोग अवैध रूप से ब्रिटेन आए थे। उन लोगों को रवांडा भेजने की प्रक्रिया शुरू की होनी थी।
हालांकि अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हो सकी है। वहीं जब कानून संसद में पारित हो गया है तो ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि रवांडा की पहली उड़ान जल्द ही शुरू हो जाएगी।
रवांडा बिल के तहत ब्रिटेन की सरकार ने रवांडा की सरकार के साथ प्रवासन संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत ब्रिटिश सरकार रवांडा को 2023 के अंत तक 24 करोड़ पाउंड का भुगतान कर चुकी है और पांच वर्षों के लिए यह कुल भुगतान 37 करोड़ पाउंड होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटेन, रवांडा भेजे गए हर व्यक्ति के लिए डेढ़ लाख पाउंड का भुगतान करेगा। अभी ब्रिटेन में शरणार्थियों पर सरकार सालाना चार अरब पाउंड खर्च करती है। संधि में कहा गया है कि एक स्वतंत्र निगरानी समिति यह सुनिश्चित करेगी कि रवांडा अपने दायित्वों का अनुपालन करें।
जानकारी के अनुसार 2022 में इस विधेयक को संसद में पेश किया गया था। जिसके बाद विधेयक को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में भी इसके खिलाफ याचिका दायर हुई थी।
जिसके बाद ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट ने इस विधेयक पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जिन लोगों को नागरिकता नहीं मिलेगी, उन्हें वापस अपने मूल देश लौटना पड़ेगा और वहां उन्हें प्रताड़ित किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर इस विधेयक को मानवाधिकारों के खिलाफ बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि ब्रिटेन सरकार ने ही रवांडा में गैर न्यायिक हत्याओं, हिरासत में मौत और प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आलोचना की थी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट की आपत्ति के बाद ब्रिटेन की सरकार सेफ्टी ऑफ रवांडा विधेयक पेश किया, जिसमें ब्रिटेन सरकार ने बताया कि रवांडा एक सुरक्षित देश है।
ब्रिटेन की संसद से रवांडा विधेयक पारित हो चुका है, लेकिन अभी भी सरकार को इसे लेकर कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल इस विधेयक को यूरोपीय अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
क्योंकि ब्रिटेन अभी भी यूरोपीय कन्वेंशन ऑन ह्युमन राइट्स का सदस्य देश है और यूरोपीय अदालत ने पहले भी इस विधेयक पर रोक लगाई थी। ऐसे में संभव है कि आगे भी यूरोपीय कोर्ट इसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में प्रवासियों पर निगाह रखने वाली संस्था के अनुसार, साल 2022 में ही ब्रिटेन में अवैध रूप से आने वाले शरणार्थियों की संख्या 45,744 रही। इसी के साथ ही शरणार्थियों की संख्या 7,45,000 रही।
गौरतलब है कि इस बिल को लेकर ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी भी विरोध कर रही है। वहीं पार्टी का कहना है कि उनकी सरकार सत्ता में आई तो ये विधेयक वापस ले लेगी।
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में प्रवासियों पर निगाह रखने वाली संस्था के अनुसार, साल 2022 में ही ब्रिटेन में अवैध रूप से आने वाले शरणार्थियों की संख्या 45,744 थी।