यशपाल शर्मा जीवनी: यशपाल शर्मा 1983 विश्व कप में कपिल देव के बाद दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे

भारत के पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का निधन हो गया है। हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। उनके निधन के बाद क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई. यशपाल के निधन की खबर सुनकर पूर्व कप्तान कपिल देव भी आंसू नहीं रोक पाए. 1983 में वेस्टइंडीज को हराकर जब भारत ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता था तो यशपाल उस वर्ल्ड विजेता टीम का हिस्सा थे
यशपाल शर्मा जीवनी: यशपाल शर्मा 1983 विश्व कप में कपिल देव के बाद दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे

भारत के पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का निधन हो गया है। हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। उनके निधन के बाद क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई. यशपाल के निधन की खबर सुनकर पूर्व कप्तान कपिल देव भी आंसू नहीं रोक पाए. 1983 में वेस्टइंडीज को हराकर जब भारत ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता था तो यशपाल उस वर्ल्ड विजेता टीम का हिस्सा थे। यशपाल शर्मा ने भारतीय क्रिकेट में बहुत योगदान दिया। वह टीम इंडिया के चयनकर्ता भी थे।उनका कॅरियर छोटा जरूर था लेकिन सभी के दिलों में छाप छोड़ने वाला था।

प्रारंभिक जीवन

1983 विश्वकप टीम का हिस्सा रहे यशपाल शर्मा का जन्म पंजाब में

11 अगस्त 1954 को हुआ था। स्कूल के दिनों में ही उन्होंने क्रिकेट

खेलना शुरू कर दिया था। तब उन्होंने कई यादगार पारियां खेलीं।

एक बार स्कूल की तरफ से खेलते हुए यशपाल शर्मा ने 260 रनों का

विशाल स्कोर खड़ा किया था। जिसके बाद सुर्खियों में उनका नाम छाया हुआ था।

इंग्लैंड के खिलाफ किया था डेब्यू

यशपाल शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के खिलाफ 2 अगस्त, 1979 को लॉर्ड्स में डेब्यू किया था।

जबकि उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला वेस्टइंडीज के खिलाफ 29 अक्टूबर, 1983 को खेला था।

विश्वकप खेलने के कुछ वक्त बाद ही उनका कॅरियर समाप्त हो गया था।

छोटा कॅरियर होने के बावजूद उनकी भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी छाप छोड़ी थी।

वहीं, एकदिवसीय मुकाबले की बात की करें तो यशपाल शर्मा ने साल 1978 में ही

पाकिस्तान के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मुकाबला खेला था।

जबकि आखिरी मुकाबला इंग्लैंड के खिलाफ चंडीगढ़ में साल 1985 में खेला।

यशपाल शर्मा ने भारत के लिए 37 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 1606 रन बनाए। टेस्ट मैचों में यशपाल का सर्वोच्च स्कोर 140 रन था। क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में उनके नाम 2 शतक और 9 अर्धशतक हैं। इसके अलावा उन्होंने भारत के लिए 42 वनडे खेले जिसमें उनके बल्ले से 4 अर्धशतक समेत 883 रन बने। वनडे क्रिकेट में यशपाल का सर्वोच्च स्कोर 89 रन था। इसके अलावा यशपाल ने 160 प्रथम श्रेणी मैचों में 8933 रन बनाए। जिसमें उन्होंने 21 शतक और 46 अर्धशतक बनाए।

विश्वकप में दिखाया कमाल

वहीं लिस्ट ए के 741 मैचों में उनके नाम 1859 रन हैं, जिसमें वह 12 शतक लगाने में सफल रहे थे।1983 क्रिकेट विश्व कप फाइनल में यशपाल शर्मा का प्रदर्शन 25 जून 1983 को लॉर्ड्स में भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुए वर्ल्ड कप फाइनल में यशपाल शर्मा चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। इस दौरान उन्होंने सधी हुई बल्लेबाजी करते हुए 11 रन की पारी खेली। भारत ने इस फाइनल मैच में वेस्टइंडीज को 43 रन से हराकर पहली बार वर्ल्ड कप जीता। इससे पहले वर्ल्ड कप में भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ ग्रुप मैचों में जीत के साथ शुरुआत की थी। इस मैच में यशपाल शर्मा की भूमिका अहम रही। जब वह बल्लेबाजी के लिए मैदान पर आए उस समय भारत का स्कोर 3 विकेट पर 76 रन था, जिसके बाद भारत के पांच विकेट 141 रन पर गिर गए।

वेस्टइंडीज के खिलाफ इस मैच में यशपाल ने 120 गेंदों में 89 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 40 रन की पारी भी खेली थी. वहीं, यशपाल ने नाजुक हालात में इंग्लैंड के खिलाफ 61 रन बनाए। कुल मिलाकर 1983 विश्व कप में यशपाल शर्मा 34.28 की औसत से 240 रन बनाने में सफल रहे। उनके प्रदर्शन के दम पर भारत फाइनल में पहुंचकर खिताब जीतने में सफल रहा।

क्रिकेटर बनाने में दिलीप कुमार की रही खास भूमिका

एक बार दिलीप कुमार ने पंजाब का रणजी मैच देखा था। उस मैच में वह यशपाल शर्मा की बल्लेबाजी से काफी प्रभावित हुए। इसके बाद उन्होंने यशपाल शर्मा से कहा था कि तुम बहुत अच्छी बल्लेबाजी करते हो मैंने तुम्हारे लिए बीसीसीआई से बात की है। उस समय दिलीप कुमार ने बीसीसीआई अधिकारी राजसिंह डूंगरपुर से उनके लिए बात की थी। यशपाल शर्मा इस बात के लिए दिलीप कुमार का ताउम्र एहसान मानते रहे।

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