East Central Railway : हजारों कर्मचारी कोरोना संक्रमित : कोरोना वायरस की वजह से ट्रेनों की स्पीड पर ब्रेक लग सकता है।
कोरोना की दूसरी लहर में रेलवे के ज्यादातर वे अधिकारी और कर्मचारी पॉजिटिव होते जा रहे हैं,
जो ट्रेनों के संचालन से सीधे जुड़े हैं और जो फ्रंटलाइन पर आकर काम कर रहे हैं।
ट्रेन ऑपरेशन में ड्राइवर, गार्ड और स्टेशन मास्टर, इन तीनों का रोल अहम है।
लेकिन, ये लोग कोरोना की चपेट में आते जा रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर में अब तक ईस्ट सेंट्रल रेलवे के हाजीपुर मुख्यालय से लेकर
सभी 5 रेल डिवीजनों में अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक कुल 2,251 लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं।
East Central Railway : हजारों कर्मचारी कोरोना संक्रमित : इनमें दो रेल डिवीजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय, उत्तर प्रदेश में और धनबाद, झारखंड में आते हैं। ईस्ट सेंट्रल रेलवे के CPRO राजेश कुमार का कहना है कि जरूरत पड़ने पर असिस्टेंट लोको पायलट गार्ड की भूमिका निभा सकते हैं।
ईस्ट सेंट्रल रेलवे में कोरोना पॉजिटिव अधिकारियों और कर्मचारियों का जो आंकड़ा मिला है, वह एक नमूना बताया जा रहा है। दावा तो यह किया गया है कि बहुत सारे रेलवे कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद बाहर जांच कराई और पॉजिटिव आने पर वे अपने स्तर पर इलाज करवा रहे हैं। ऐसे लोगों का आंकड़ा रेलवे के पास नहीं है।
वहीं 387 पॉजिटिव लोगों के साथ तीसरे नंबर पर सोनपुर, 305 संक्रमितों के साथ चौथे नंबर पर समस्तीपुर और 167 पॉजिटिव लोगों के साथ हाजीपुर मुख्यालय पांचवे नंबर पर है। वहीं, दानापुर रेल डिवीजन में अब तक संक्रमितों की संख्या काफी कम है। इस डिवीजन में 45 लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। हालांकि, दानापुर रेल डिवीजन में 4 लोको पायलट की संक्रमण की वजह से मौत भी हो चुकी है।
ईस्ट सेंट्रल रेलवे में जो 2,251 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए हैं, उनमें सबसे बड़ी संख्या पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल डिवीजन के कर्मियों की है। इस डिवीजन में 915 अधिकारी और कर्मचारी अब तक संक्रमित हुए हैं। 432 संक्रमितों के साथ दूसरे नंबर पर धनबाद रेल डिवीजन है।
कोरोना से सिर्फ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के ही अधिकारी और कर्मचारी प्रभावित नहीं हैं, बल्कि ईस्ट रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी भी पीड़ित हैं। इसके मुताबिक ईस्ट रेलवे में दूसरी लहर में अब तक 214 गार्ड के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है।
इसका असर ट्रेनों के संचालन पर पड़ने वाला था लेकिन, समाधान निकाल लिया गया। यहां असिस्टेंट लोको पायलट को गार्ड की भूमिका में लगा दिया गया है। अब 31 मई तक ईस्ट रेलवे के असिस्टेंट लोको पायलट ही गार्ड की भूमिका निभाएंगे।