ब्रिटेन भेजने के लिए रखे गए कोवीशील्ड के 50 लाख टीके अब देश में 18+ उम्र के लोगों को लगाए जाएंगे

केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि कोवीशील्ड वैक्सीन की 5 मिलियन खुराक जो ब्रिटेन को भेजने के लिए रखी गयी थी, जिसका अब निर्यात नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, इन टीकों का उपयोग देश में 18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों के लिए शुरू किए गए टीकाकरण कार्यक्रम में किया जाएगा
ब्रिटेन भेजने के लिए रखे गए कोवीशील्ड के 50 लाख टीके अब देश में 18+ उम्र के लोगों को लगाए जाएंगे

केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि कोवीशील्ड वैक्सीन की 5 मिलियन खुराक जो ब्रिटेन को भेजने के लिए रखी गयी थी, जिसका अब निर्यात नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, इन टीकों का उपयोग देश में 18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों के लिए शुरू किए गए टीकाकरण कार्यक्रम में किया जाएगा।

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में कोवीशील्ड बनाई जा रही है

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में कोवीशील्ड बनाई जा रही है।

इस संस्थान के सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह

ने हाल ही में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर टीके को ब्रिटेन नहीं भेजने की

अनुमति मांगी थी। केंद्र सरकार ने यह अनुमति देते हुए अब राज्यों को ये

टीके उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

यूके के लिए रखी गई 5 मिलियन खुराक का उपयोग अब देश में किया जाएगा, उन्हें 21 राज्यों में भेजा जाएगा

यूके के लिए रखी गई 5 मिलियन खुराक का उपयोग अब देश में किया जाएगा, उन्हें 21 राज्यों में भेजा जाएगा। कुछ राज्यों को 3.5-3.5 लाख खुराक मिलेगी। कुछ राज्यों में एक लाख खुराक मिलेगी। 50-50 हजार खुराक दो राज्यों में भेजी जाएगी। केंद्र सरकार ने इसकी इजाजत देते हुए इन टीकों को अब राज्यों को मुहैया कराने का फैसला किया है।

लेबल पर कोवीशील्ड नहीं, एस्ट्राजेनेका लिखा होगा

इन टीकों का निर्यात किया जाना था, इसलिए उन्हें कोविशील्ड की जगह 'कोविड -19 वैक्सीन एस्ट्राजेनेका' लेबल किया गया था। अब सरकार ने राज्यों से सीधे कंपनी से संपर्क करने और खुराक खरीदने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।

सीरम का UK से समझौता हुआ था

सीरम इंस्टीट्यूट ने इससे पहले 23 मार्च को सरकार से 50 लाख डोज UK भेजने की इजाजत मांगी थी। तब सीरम इंस्टीट्यूट का कहना था कि उसका एस्ट्राजेनेका के साथ एग्रीमेंट है। इसलिए ये डोज भेजना जरूरी है और देश में हो रही सप्लाई में खलल नहीं आने देगा।

कोवीशील्ड एडेनोवायरस से बनी है

कोवीशील्ड एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है। इसमें चिम्पांजी में पाए जाने वाले एडेनोवायरस ChAD0x1 का इस्तेमाल कर उससे कोरोना वायरस जैसा ही स्पाइक प्रोटीन बनाया गया है। यह शरीर में जाकर इसके खिलाफ प्रोटेक्शन विकसित करता है। इसकी दो डोज लगाई जाती है। दोनों डोज के बीच 42 से 56 दिन का अंतर रखा जाता है। कोवीशील्ड 70% तक असरदार है। सरकार ने मई, जून और जुलाई के लिए कोवीशील्ड के 11 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है।

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