गुजरात के वलसाड के सिविल अस्पताल में लगा लाशों का ढेर, 3 दिन में भी अंतिम संस्कार नहीं हो सका, दुर्गंध आने लगी

वलसाड के जिला सिविल अस्पताल के कोरोना आइसोलेशन वार्ड से एक के बाद एक शव बाहर निकल रहे हैं। शव पोस्टमार्टम रूम में बिखरे पड़े हैं। दरअसल, यहां मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है, इसलिए अंतिम संस्कार के लिए जरूरी डेथ सर्टिफिकेट बनाने में घंटों लग रहे हैं। शवों से दुर्गंध आने लगी है
गुजरात के वलसाड के सिविल अस्पताल में लगा लाशों का ढेर, 3 दिन में भी अंतिम संस्कार नहीं हो सका, दुर्गंध आने लगी

वलसाड के जिला सिविल अस्पताल के कोरोना आइसोलेशन वार्ड से एक के बाद एक शव बाहर निकल रहे हैं। शव पोस्टमार्टम रूम में बिखरे पड़े हैं। दरअसल, यहां मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है, इसलिए अंतिम संस्कार के लिए जरूरी डेथ सर्टिफिकेट बनाने में घंटों लग रहे हैं। शवों से दुर्गंध आने लगी है।

वलसाड के जिला सिविल अस्पताल के कोरोना आइसोलेशन वार्ड से एक के बाद एक शव बाहर निकल रहे हैं

सिविल अस्पताल के अधीक्षक अमित शाह ने कहा कि यहां कोविड

के रोगियों के लिए 400 बेड उपलब्ध हैं। उनका कहना है कि उनकी

हालत बिगड़ने से मरीज यहां पहुंच रहे हैं। वह तब आ रहे है जब वह

ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की आवश्यकता महसूस करते है।

रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि के कारण काम का बोझ काफी बढ़ गया है। कोविड वार्ड से शवों को पोस्टमार्टम रूम तक लाने के लिए कार्यकर्ताओं को आउटसोर्स किया गया है। लेकिन हम अपील करते हैं कि जो सेवक जिम्मेदार हैं उन्हें भी आगे आना चाहिए।

शव के अंतिम दर्शन के लिए 36 घंटे इंतजार किया

वलसाड सिविल अस्पताल के बाहर मृतकों के परिजन घंटों तक शवों के इंतजार में खड़े रहे। उनमें से कुछ 36 घंटे के इंतजार के बाद भी शव को नहीं देख पाए हैं। अस्पताल के ढुलमुल रवैये के कारण अब उनका गुस्सा भड़कने लगा है।

राज्य में 24 घंटे में 10,340 नए मरीज मिले

गुजरात में रविवार को 10,340 नए कोरोना संक्रमित मिले, 110 की मौत हो गई। यह राहत की बात है कि 3,981 मरीज ठीक हुए। राज्य में इस महामारी से अब तक 4 लाख 4 हजार 561 लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें से 3 लाख 37 हजार 545 ठीक हो चुके हैं। 5,377 ने अपनी जान गंवाई, जबकि 61,467 मरीजों का इलाज चल रहा है। रविवार को राज्य में रिकवरी दर 83.43 पर आ गई। इलाज करा रहे कोरोना मरीजों से 329 वेंटिलेटर पर हैं। 61,318 संक्रमितों की हालत स्थिर है।

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