अमेरिकी कंपनी रिफाना इंक से हुई डील,भारत के लिए बनाएगी कोरोना वैक्सीन

दुनिया भर में कोरोना वायरस से बचाव संबंधी 130 से अधिक वैक्‍सीन तैयार हो चुकी हैं। इनमें से कई वैक्सीन ऐसी भी हैं जिसका मनुष्‍यों पर ट्रायल भी सफल रहा है।
अमेरिकी कंपनी रिफाना इंक से हुई डील,भारत के लिए बनाएगी कोरोना वैक्सीन
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न्यूज़- दुनिया भर में कोरोना वायरस से बचाव संबंधी 130 से अधिक वैक्‍सीन तैयार हो चुकी हैं। इनमें से कई वैक्सीन ऐसी भी हैं जिसका मनुष्‍यों पर ट्रायल भी सफल रहा है। इसी बीच भारत की एक बायोटेक फर्म की कोरोना की वैक्‍सीन बनाने को लेकर अमेरिका की फार्मा कंपनी के साथ बड़ी डील हुई हैं। भारतीय बायोटेक्नोलॉजी कंपनी पैनासिया बायोटेक लिमिटेड कंपनी कोविड 19 वैक्सीन के विकास, निर्माण और वितरण के लिए अमेरिका की रिफाना इंक के साथ हाथ मिलाया हैं। इस साझेदारी के तहत, पैनासिया बायोटेक लिमिटेड कंपनी दवा का उत्पादन, क्लीनिकल डेवलपमेंट और वाणिज्यिक निर्माण की जिम्मेदारी होगी। पैनासिया और रिफाना दोनों अपने संबंधित क्षेत्रों में वैक्सीन की बिक्री और वितरण का कार्य करेंगे।

पनसिया बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश जैन ने बताया कि 'दुनिया को एक ऐसी दवा चाहिए जो सुरक्षित हो, असरदार हो और उपलब्ध हो और जो वैश्विक मांग को पूरी कर सके।'जैन ने कहा कि रिफाना के साथ मिलकर हमारा उद्देश्‍य कोविड 19 मरीजों के लिए 500 मिलियन से अधिक खुराक बनाना है। अगले साल के शुरुआत में 40 मिलियन से अधिक खुराक डिलीवरी के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है। पैनेशिया बायोटेक कोरोनावायरस बीमारी के लिए प्रयोगात्मक टीके की कम से कम 500 मिलियन खुराक का उत्पादन करेगा, जिसमें से 40 से 45 मिलियन खुराक अगले साल जनवरी तक तैयार हो जाएंगे।

राजेश जैन ने बताया कि अगले चार हफ्तों में उनकी कंपनी दिल्ली और पंजाब में अपनी प्रयोगशालाओं में इस वैक्सीन को विकसित करने जा रहे हैं और रेगुलेटरी टॉक्सिकोलॉजी स्टडी और पशु प्री क्लीनिकल स्टडी के बाद, उम्मीद है कि अक्टूबर तक ह्यूमन ट्रायल के पहले चरण को शुरू कर दिया जाएगा। अगस्त तक, हम cGMP प्रक्रिया शुरू करेंगे जिससे हम अक्टूबर में परीक्षण शुरू कर सकेंगे। और उसके बाद तीसरे चरण के ट्रायल को बड़े पैमाने पर कर सकेंगे।

गौरतलब हैं कि पनसिया बायोटेक कोविद -19 के खिलाफ वैक्सीन के विकास पर वैश्विक प्रयासों में शामिल होने वाली भारत की पांचवीं बायोटेक कंपनी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, विकास के विभिन्न चरणों में कम से कम 130 टीके हैं, जिनमें से 10 विकास के उन्नत चरणों में हैं। 10 टीकों में से चार निष्क्रिय टीके हैं, जो सभी चीन में विकसित किए जा रहे हैं।

जैन ने ये भी कहा कि "पूरे निष्क्रिय वायरल टीके सुरक्षित और प्रभावकारी होने की अधिक संभावना है, उनके लंबे इतिहास और उनकी कार्य प्रणाली की बेहतर समझ को देखते हुए। इंट्रामस्क्युलर / उप-त्वचीय (नसों के बजाय त्वचा के नीचे फैटी ऊतक में इंजेक्शन) है जो कि इसकी प्रक्रिया को आसान बनाता है और यह टीका कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के लिए पसंद का टीका बनने की क्षमता रखता है। पैनेशिया बायोटेक कोरोनावायरस बीमारी के लिए प्रयोगात्मक टीके की कम से कम 500 मिलियन खुराक का उत्पादन करेगा, जिसमें से 40 से 45 मिलियन खुराक अगले साल जनवरी तक तैयार हो जाएंगे।

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