न्यूज़- कोरोना वायरस और इस वायरस के कारण मरने वालों के आंकड़े देश के दो महत्वपूर्ण विभागों, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) से मेल नहीं खाते हैं। रविवार को केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक की। इस दौरान डेटा विसंगतियों का मुद्दा उठाया गया था। इस बैठक में दी गई प्रस्तुति में कोरोना को दिए गए आंकड़ों में कोई समानता नहीं थी। सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के एनसीडीसी और आईसीएमआर द्वारा एकत्र किए गए डेटा अलग-अलग थे, इसलिए यह सवाल उठता है कि क्या कुछ कोरोना संक्रमित मामले याद किए गए थे।
एनसीडीसी के आंकड़ों के अनुसार, 26 अप्रैल को सुबह 8 बजे तक, भारत में कुल संक्रमित मामले 26496 हैं, जैसा कि 27583 के आईसीएमआर के अनुसार दोनों आंकड़ों में 1087 संक्रमित रोगियों का अंतर है। रविवार को हुई बैठक में, केवल 8 राज्यों में दो विभागों के समान आंकड़े थे, जिनमें पूर्वोत्तर के पांच राज्य और केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली, दमन दीव, लक्षदीप हैं। इनमें से चार राज्यों में एक भी मामला नहीं है, केवल एक राज्य में दो से अधिक मामले हैं, जबकि मेघालय में 12 मामले हैं।
21 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में आईसीएमआर के अनुसार अधिक संक्रमण के मामले हैं, जबकि एनसीडीसी के अनुसार यहां 26 अप्रैल सुबह 8 बजे तक कम मामले हैं। सबसे ज्यादा फर्क महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल में है। आईसीएमआर के अनुसार महाराष्ट्र में कुल 8848, गुजरात में 3809 और पश्चिम बंगाल में 770 मामले हैं, जबकि एनसीडीसी के अनुसार महाराष्ट्र में 7628, गुजरात में 3071, पश्चिम बंगाल में 611 संक्रमण के मामले हैं। 21 राज्यों में सबसे बड़ा अंतर महाराष्ट्र में ही है, जहां पर 1220 संक्रमण के मामलों का अंतर है। नागालैंड में सबसे कम एक मरीज का फर्क है। नागालैंड में आईसीएमआर के अनुसार 1 मरीज संक्रमित है, जबकि एनसीडीसी के अनुसार यहां एक भी मामला नहीं है।