Coronavirus

अस्पताल के अन्दर विज्ञान-बाहर आस्था: कोरोना से बचाव के लिए लोग अपना रहे अलग-अलग नुस्खे

Manish meena

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की दवा-इलाज के साथ-साथ उसका नाश करने के लिए बड़े पैमाने पर दुआ, ताबीज, झाड़-फूंक, टोना-टोटका और पूजा-पाठ चल रहा है. कई जगहों पर अस्पतालों के अंदर भजन-कीर्तन हो रहा है. यही नहीं, ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए कुछ लोग पीपल के पेड़ के ऊपर सो रहे हैं तो कुछ पीपल के पेड़ के नीचे.

कोरोना वायरस की दवा-इलाज के साथ-साथ उसका नाश करने के लिए बड़े पैमाने पर दुआ, ताबीज, झाड़-फूंक, टोना-टोटका और पूजा-पाठ चल रहा है

आगरा के नोबरी गांव में विनोद शर्मा अब रोज पांच घंटे पीपल के पेड़ पर सोते

हैं. वो कहते हैं कि ऑक्सीजन के मामले में वो आत्मनिर्भर हो गए हैं.

सरकार के ऑक्सीजन सिलेंडर और विदेशी ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर पर वो आश्रित नहीं हैं.

उन्होंने कहा, हम लोग सरकार के सहारे नहीं हैं. युवा वर्ग हैं.

मैं यहां (पीपल के पेड़ के नीचे) 15 दिन से बैठ रहा हूं. डेली आता हूं. पांच घंटे बैठकर जाता हूं.

ऑक्सीजन लेवल बिल्कुल फिट है. हमारे करीब 25-30 लोग हैं. बुजुर्ग भी आते हैं.

ऑक्सीजन लेवल करीब-करीब कंट्रोल हो चुका है उनका.'

कानपुर के हैलेट अस्पताल के अंदर कोविड वॉर्ड के बाहर कोरोना माता को खुश करने के लिए लोग भजन गा रहे

कानपुर के हैलेट अस्पताल के अंदर कोविड वॉर्ड के बाहर कोरोना माता को खुश करने के लिए लोग भजन गा रहे हैं.

वॉर्ड के अंदर विज्ञान काम कर रहा है और वॉर्ड के बाहर आस्था.

खाटू श्याम परिवार के सदस्य गौरव खन्ना कहते हैं, 'आज हमने गेट के बाहर पूरा दरबार सजाया और एक अरदास की है.

हमारे नितिन भैया ने एक भजन तैयार किया और बाबा से

कहा कि इस महामारी से सबको निजात मिल जाए और जितने भी पीड़ित हैं, वो सकुशल सही होकर घर जाएं.'

रायबरेली के AIIMS कंपाउंड और जिला अस्पताल परिसर, दोनों जगह कोरोना के खात्मे के लिए हवन किया गया

रायबरेली के AIIMS कंपाउंड और जिला अस्पताल परिसर, दोनों जगह कोरोना के खात्मे के लिए हवन किया गया.

चंदौली में भी बड़ा हवन किया गया. मेरठ, सहारनपुर, हापुड़, फिरोजाबाद और

मुरादाबाद में बीजेपी से जुड़े लोगों ने मोबाइल हवन किया.

लोग कहीं ठेलों तो कहीं ट्रैक्टर ट्रॉली पर हवन करते गांव-गांव घूमे.

प्रदेश के तमाम जिलों में महिलाएं मंदिरों और नदियों के किनारों और पेड़ों के इर्द-गिर्द कोरोना के लिए गीत गाती रहीं.

गांववाले ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए काफी वक्त पीपल के पेड़ के नीचे गुजारते हैं

बाराबंकी के जैदपुर में भी एक पीपल के नीचे लोगों की भीड़ दिखी.

गांववाले ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए काफी वक्त पीपल के पेड़ के नीचे गुजारते हैं,

हालांकि कोरोना मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह यह है कि उनके फेफड़े वातावरण से जरूरी ऑक्सीजन खींच नहीं पा रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें अलग से ऑक्सीजन देनी पड़ती है. गांववालों को लगता है कि पीपल के पेड़ के नीचे बैठने से ऑक्सीजन अपने आप अंदर चली जाएगी. लोग इस बात को पूरे दावे के साथ कहने से गुरेज नहीं करते हैं कि पीपल के पेड़ के नीचे बैठने से उनका ऑक्सीजन लेवल ठीक हुआ है.

Like and Follow us on :

Cannes 2024: Kiara Advani ने व्हाइट स्लिट गाउन में दिखाई सिजलिंग अदाएं

Cannes 2024: Urvashi Rautela ने कान फिल्म फेस्टिवल में बिखेरा जलवा

चांद पर ट्रेन चलाएगा NASA , तैयार हुआ पूरा खाका

DD News: ‘कलावा स्क्रीन पर नहीं दिखना चाहिए’, जानें UPA शासन में पत्रकारों को कैसे हड़काते थे दूरदर्शन के अफसर

AAP News: नवीन जयहिंद का दावा- "स्वाति मालीवाल की जान को खतरा... साजिश के तहत हुआ CM के घर हमला"