नई दिल्ली – आरबीआई ने मौद्रिक नीती समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी कटौती करते हुए आम आदमी को एक बार फिर से राहत दी है। मोदी सरकार के दुबारा सत्ता में आने के बाद आरबीआई की यह पहली बैठक थी।
होम लोन, ऑटो लोन लेने वालों के लिए भी अच्छी खबर आयी है, अब उनको कम ईएमआई देनी होगी। आरबीआई की रेपो रेट में कटौती के बाद अब 5.75 फिसदी हो गई है, वही रिवर्स रेपो रेट 5.50 हो गई है।
आरबीआई ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती है। हाल ही में GDP (सकल घरेलू उत्पाद) ग्रोथ रेट के आंकड़े आए थे जिसके अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.8 फीसद रही। विशेषज्ञों का अनुमान था कि आर्थिक विकास दर में कमी के कारण भी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
RBI ने आरटीजीएस और एनईएफटी लेनदेन पर लगने वाले शुल्क को भी खत्म करने का निर्णय लिया है और सभी बैंकों को इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। RBI ने कहा है कि एनबीएफसी सेक्टर की निगरानी की जा रही है साथ ही सिस्टम में पर्याप्त तरलता वह सुनिश्चित करेगा।
मौद्रिक नीति कमेटी (MPC) के सदस्यों में डॉ. चेतन घाटे, डॉ. पामी दुआ, डॉ. रविंद्र ढोलकिया, डॉ. माइकल देबब्रत पात्रा, डॉ् विरल आचार्य और शक्तिकांत दास ने एकमत से रेपो रेट घटाने का निर्णय किया।