पूर्वांचल , उत्तर प्रदेश का वह भाग जिसमें बाहुबली मुख़्तार के मऊ , सीएम योगी के गोरखपुर से लेकर पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस तक आता है। इस पूरे भाग में सियासी हिस्सेदारी की बात करें तो ब्राह्मण नेताओं की भूमिका बहुत अहम मानी जाती है। फिर चाहे सरकारें कोई भी रही हों पूर्वांचल की सियासत पर ब्राह्मण नेताओं का वर्चस्व बड़े भागीदार के तौर पर रहा। हर पार्टी उन्हें अपने पाले में करने में लगी रहती है |
यूपी इलेक्शन नजदीक हैं। हर पार्टी पूर्वांचल के ब्राह्मण वोटों पर दबदबा रखने वाले नेताओं को अपने पाले में करने के प्रयास में जुटी है। लेकिन ज्यादातर नेता समाजवादी पार्टी का ही दामन थम रहे हैं। आखिर क्या वजह रही जो सत्ता में मौजूद पार्टी तक के नेता सत्ताधारी पार्टी को छोड़ कर सपा में शामिल हो रहे।
गोरखपुर में चिल्लूपार विधानसभा से विधायक विनय शंकर तिवारी को शायद आप न जानते हों , लेकिन इनके पिता बाहुबली हरिशंकर तिवारी और योगी आदित्यनाथ के गोरखनाथ पीठ के बीच सालो से चल रही वर्चस्व की जंग से सारा पूर्वांचल वाकिफ है। गोरखपुर में ब्राह्मणवाद और ठाकुरवाद की वर्चस्व की जंग की शरुआत हुई थी सालो पहले हरी शंकर तिवारी बनाम वीरेंद्र प्रताप शाही के बीच की अदावत से। विनय शंकर तिवारी उसी जंग की दूसरी पीढ़ी हैं। ब्राह्मण वोटों में तिवारी परिवार की बड़ी पैठ मानी जाती है। गोरखपुर का तिवारी हाता ब्राह्मण वोटों के सियासी उलटफेर की धुरी रहा है। हाल ही में तिवारी परिवार अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ। शामिल होते ही मौजूदा सरकार पर ब्राह्मण समाज के खिलाफ अत्याचार के आरोप लगाए।
left harishankar tiwari , right virendra pratap shahi
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि जो लोग समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं, उनका मैं स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि इतना प्रभावशाली परिवार अब सपा के पास है, अब उन्हें कोई नहीं हरा सकता | साथ ही ट्रांसजेंडर समुदाय की पायल का स्वागत करते हुए उन्हें एसपी किन्नर विंग का मुखिया घोषित किया है. उनका कहना है कि इस तरह हम समुदाय विशेष की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। 2017 के चुनाव में बीजेपी ने पूर्वांचल में शानदार जीत हासिल की थी| उस दौरान बीजेपी ने राजभर की एसबीएसपी से गठबंधन कर यहां चुनाव लड़ा था. लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है |अब राजभर, अंसारी और तिवारी परिवार समाजवादी पार्टी के झंडे तले आ गया है|इस गठबंधन ने चुनाव को चुनौतीपूर्ण और दिलचस्प बना दिया है।
एक तरफ बीजेपी ने पूर्वांचल विधानसभा सीटों पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ज्यादातर बैठकें इसी इलाके में हो रही हैं | इसके साथ ही इस क्षेत्र के लिए कई विकास परियोजनाओं की घोषणा भी की गई है। दूसरी ओर, सपा इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के शीर्ष राजनेताओं को पकड़ने में सफल रही है। जिसमें मुख्तार अंसारी और हरि शंकर तिवारी का परिवार भी शामिल है. इसके साथ ही सपा ने ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी समेत छोटे दलों से भी हाथ मिला लिया है। माना जाता है कि पूर्वांचल क्षेत्र के कई जिलों में उनकी अच्छी पकड़ है. सूत्रों का कहना है कि भाजपा के करीब 9 मौजूदा विधायक सपा के संपर्क में हैं। और शायद जल्द ही वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं |
तिवारी परिवार के हाल ही में समाजवादी पार्टी के खेमें में जाने से पहले और भी कई ब्राह्मण चेहरों ने सपा के पाले में चुनाव से पहले जाना तय किया। करनैलगंज से बीएसपी के उम्मीदवार रहे संतोष तिवारी , पूर्व विधान परिषद् के अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय भी समाजवादी पार्टी का हिस्सा बनने वालों में से हैं। खलीलाबाद से सत्ताधारी बीजेपी के विधायक दिग्विजय नारायण चौबे उर्फ़ जय चौबे का समाजवादी पार्टी में शामिल होना बीजेपी के लिए काफी घाटे का सौदा माना जा रहा है। कुशीनगर से मौजूदा बीजेपी के सांसद के भतीजे के भी समाजवादी खेमे में जाने के कयास लग रहे हैं।