VK Bansal : देशभर में कोटा की कोचिंग संस्थानों की धाक जमी हुई है। यहां से मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सबसे ज्यादा सलेक्शन होते हैं।
इस कोचिंग इंडस्ट्री के जनक विनोद कुमार बंसल वीके सर का कोविड-19 से निधन हो गया।
वीके बंसल ने कोटा कोचिंग की नींव ही नहीं रखी, बल्कि पहला आईआईटियंस और आईआईटी-जेईई का पहला टॉपर देकर सफलताओं का ऐसा चस्का लगाया, जो आज भी जारी है।
वीके बंसल को बीते दिनों कोविड-19 का संक्रमण हो गया था।
जिसके बाद वह कॉमर्स कॉलेज के नजदीक स्थित एक निजी अस्पताल में एडमिट थे,
जहां पर सोमवार की सुबह 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
इसके बाद कोटा कोचिंग का अध्याय शुरू करने वाले एक युग का अंत हो गया।
VK Bansal : बंसल का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी में 26 अक्टूबर 1946 को हुआ था। कोटा की जेके सिंथेटिक फैक्ट्री में सहायक इंजीनियर विनोद कुमार बंसल को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की बीमारी हो गई। जिसके बाद से उन्हें ट्यूशन एट होम का कांसेप्ट शुरू किया। यह ट्यूशन एट होम का कांसेप्ट उन्होंने आठवीं क्लास के बच्चे के साथ 1983 में शुरू किया, जो बाद में 11वीं और12वीं तक पहुंचा।
इसके साथ ही उन्होंने आईआईटी और जेईई की कोचिंग भी शुरू कर दिया। तब उन्होंने मुड़कर नहीं देखा। वहीं जेके फैक्ट्री के इंजीनियर विनोद कुमार बंसल कोटा की कोचिंग के पितामह वीके सर बन गए। साथ ही कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री ने देश भर में अपना नाम कमा लिया है। कोटा कोचिंग हजारों करोड़ रुपए की इंडस्ट्री अब बन चुकी है।
काशी के बीएचयू से इंजीनियरिंग करने वाले कोटा कोचिंग के जनक वीके बंसल ने कोटा से आईआईटियन ही देने का सिर्फ सिलसिला शुरू किया था। उन्होंने ऑल इंडिया टॉपर भी कोटा से दिए है। यह सिलसिला जो उन्होंने शुरू किया, वह अभी भी जारी है। यही नहीं वीके बंसल ने कोटा कोचिंग के लिए अच्छी फैकल्टी भी दी है।
यहां के अन्य कोचिंग संस्थाओं की बात की जाए तो वीके बंसल के स्टूडेंट या उन्हीं के अधीन पढ़ाने वाली जूनियर फैकल्टी बड़े स्तर पर पढ़ा रही हैं। कोटा के अधिकांश कोचिंग संस्थान आज देश भर में अपनी शाखाएं खोले हुए हैं।