राष्ट्रीय

Northeast Elections: फिर चला मोदी मैजिक, त्रिपुरा-नगालैंड भगवा; 8 में से 6 राज्यों में BJP सरकार

Om prakash Napit

Northeast Elections: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने नॉर्थ ईस्ट में शानदार आगाज कर दिया है। 2023 में होने वाले चुनावों को 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है और इस सेमीफाइनल में बीजेपी ने जीत के साथ बिगुल फूंका है। त्रिपुरा और नगालैंड में बीजेपी ने जबरदस्त जीत हासिल की है। वहीं, मेघालय में भी बीजेपी सरकार बना सकती है।

नॉर्थ ईस्ट के तीनों राज्यों में मोदी मैजिक फिर से चला। त्रिपुरा में बीजेपी फिर से सरकार बनाने जा रही है। नगालैंड में भी बीजेपी सहयोगी के साथ सत्ता में वापसी कर रही है तो मेघालय में बीजेपी सरकार का हिस्सा हो सकती है मतलब मोदी के खिलाफ कोई एंटी इनकमबेंसी नहीं है।

यहां जीत के मायने क्या?

नॉर्थ ईस्ट के तीनों राज्यों में मोदी मैजिक फिर से चला है। त्रिपुरा में बीजेपी फिर से सरकार बनाने जा रही है, नगालैंड में भी बीजेपी सहयोगी के साथ सत्ता में वापसी कर रही है तो मेघालय में बीजेपी सरकार का हिस्सा हो सकती है मतलब मोदी के खिलाफ कोई एंटी इनकंबेंसी नहीं है। नॉर्थ ईस्ट के तीनों राज्यों के चुनाव में बीजेपी की हर रणनीति कारगर रही और विरोधी फेल हुए।

बीजेपी जीत का जश्न मना रही है तो त्रिपुरा में हार के बाद कांग्रेस और लेफ्ट में रार मच गई है लेकिन सारा फॉर्मूला फेल हो गया। कांग्रेस और लेफ्ट त्रिपुरा की सत्ता चाहती थी लिहाजा सिद्धांत, विचारधरा को दरकिनार करके लेफ्ट और कांग्रेस ने चुनाव से पहले प्री पोल अलायंस किया। लेकिन अब दोनों पार्टियां हार की अलग-अलग वजहें गिना रही हैं। कांग्रेस कह रही है कि लेफ्ट की वजह से हार हुई तो लेफ्ट का दावा है कि हार की वजह टिपरा मोथा पार्टी है जिसने चुनाव में वोट काट लिया।

कांग्रेस की क्यों हुई बुरी गत?

बीजेपी के लिए ये चुनाव 2018 की तरह टेस्टिंग ग्राउंड था लेकिन कांग्रेस के साथ तो 2018 से जो खेला होना शुरू हुआ वो बदस्तूर जारी रहा। 2018 के चुनाव में कांग्रेस मेघालय में सबसे बड़ी पार्टी थी। 18 सीट जीती थी लेकिन सरकार नहीं बना सकी फिर 2021 में मुकुल संगमा की अगुवाई में 12 विधायक टीएमसी में शामिल हो गए। टीएमसी 2018 के विधानसभा चुनाव में खाता तक नहीं खोल पाई थी।

2023 के चुनाव में टीएमसी कांग्रेस के विधायकों को पहले अपने पाले में लाई और अब मेघालय में टीएमसी शून्य से कांग्रेस के बराबर पहुंच गई है तो वहीं कांग्रेस डबल डिजिट में भी नहीं पहुंच पाई। कांग्रेस अपने नेताओं और विधायकों को अपने पाले में नहीं रख पाती। कांग्रेस के साथ ऐसा एक बार नहीं कई बार हो चुका है और उसे हर राज्य में, हर चुनाव में बीजेपी के साथ-साथ अपने पुराने नेताओं की वजह से भी मुंह की खानी पड़ रही है।

पूर्वोत्तर के 8 में से 6 राज्यों में सत्ता BJP की

आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में 2003 के एक अपवाद को छोड़ दें, तो 2016 तक नॉर्थ ईस्ट (पूर्वोत्तर) के किसी राज्य में बीजेपी सत्ता में नहीं रही। इससे उलट आज यहां के 8 में से 6 राज्यों में बीजेपी सत्ता में है। असम, त्रिपुरा, अरुणाचल और मणिपुर में बीजेपी के मुख्यमंत्री हैं। नगालैंड और मेघालय में बीजेपी सत्ताधारी गठबंधन में शामिल हैं।

मिजोरम और सिक्किम में तनाव है, लेकिन इन दोनों राज्यों में सरकार चला रहीं पार्टियां बीजेपी की अगुआई वाले नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस यानी NEDA में शामिल हैं। पिछले दो लोकसभा चुनावों के नतीजों से भी जाहिर है कि नॉर्थ ईस्ट में एक केंद्रीय राजनीतिक शक्ति के रूप में बीजेपी ने कांग्रेस की जगह ले ली है।

शादी के बाद वेकेशन मनाते हुए स्पॉट हुईं Taapsee Pannu

उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषड़ आग से 3 की मौत, CM धामी ने किया निरीक्षण

Adhyayan Suman ने याद किये स्ट्रगल के दिन, 'पेंटहाउस एक लग्जरी जेल की तरह लगता था'

Big News: राहुल गांधी की इंटरनेशनल बेइज्जती, जिस गैरी कास्परोव को बताया फेवरिट चेस प्लेयर, उन्हीं ने कहा – 'पहले रायबरेली जीत के दिखाओ'

Fake Video: अमित शाह फर्जी वीडियो केस में अब अरुण रेड्डी गिरफ्तार, चलाता है ‘स्पिरिट ऑफ कांग्रेस’ नाम से हैंडल