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Uzbekistan Children Death: मेड इन इंडिया को बताया जानलेवा! जयराम रमेश का 'कांग्रेसी रंग'

Jairam Ramesh Statement: भारतीय कफ सिरप से उज्बेकिस्तान में कथित मौतों के मामले पर जयराम रमेश के बयान पर हंगामा हो रहा है। भाजपा समेत लोग खूब बुरा भला कह रहे हैं।

Om Prakash Napit

Congress On Uzbekistan: देश से जुड़े गंभीर और संवेदनशील मामलों पर भी कांग्रेस राजनीति करने से बाज नहीं आती। फिर चाहे वह चीन, पाकिस्तान से जुड़े विवादित मामले हों या सेना की सर्जिकल स्ट्राइक या पराक्रम। चाहे आंतकियों पर कार्रवाई का मामला हो या देशहित से संबंधित मोदी सरकार के फैसले। हर मामले में टांक अड़ाकर विरोध और निंदा करना जैसे कांग्रेस ने अपना राजधर्म समझ रखा है।

अब उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में भारतीय कंपनी की एक कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत के समाचार आने पर कांग्रेस ने मेड इन इंडिया कफ सिरप को ही जानलेवा बता दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश के इस ट्वीट पर जहां भाजपा हमलावर है, वहीं सोशल मीडिया पर लोग कांग्रेस को खूब बुरा भला कह रहे हैं।

केंद्र सरकार ने मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी दवा कंपनी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने निर्माता कंपनी की सभी दवाओं के उत्पादन पर 29 दिसंबर रात से रोक लगा दी है। साथ ही कंपनी ने भी दवा का उत्पादन बंद कर दिया है। वहीं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

जयराम रमेश का ट्वीट...'जानलेवा लगता है मेड इन इंडिया कफ सिरप'

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मेड इन इंडिया कफ सिरप को जानलेवा बताया है। जमराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि मेड इन इंडिया कफ सिरप जानलेवा लगता है। पहले गांबिया में 70 बच्चों की मौत हुई थी और अब उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई है। उन्होंने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार को भारत के बारे में शेखी मारना बंद करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

BJP बोली- 'मोदी से नफरत की आंधी में कांग्रेस अंधी'

भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने जयराम रमेश के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘गाम्बिया में बच्चों की मौत से भारत में निर्मित सिरप का कोई लेनादेना नहीं है। इस बारे में गाम्बिया के प्रशासन और डीसीजीआई दोनों ने स्पष्टीकरण दिया है। लेकिन मोदी के प्रति नफरत में अंधी हो चुकी कांग्रेस भारत एवं उसकी उद्यमी भावना का मजाक बना रही है।’’

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव वाई सत्य कुमार ने कहा, "विपक्ष की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति भरपूर नफरत अब भारत के प्रति नफरत में बदल गई है। पहले ही डीजीसीआई और गाम्बिया इस मामले में साफ कर चुके हैं कि भारतीय कफ सिरप का बच्चों की मौत से कोई लेना देना नहीं है। आप लोग भारत को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते।"

भाजपा नेता सीटी रवि ने जयराम रमेश के ट्वीट पर कहा, "ये झूठे अपने गुरुओं की राह पर हैं, जो लगभग हर बात पर झूठ बोलते हैं। यह साबित हो चुका है कि गाम्बिया में बच्चों की मौत से मेड इन इंडिया सिरप का कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन कांग्रेस ने अपना मेड इन चाइना झूठ फैलाना जारी रखा है।

दूसरी तरफ एक और ट्विटर यूजर आलोक भट्ट ने कहा कि भारत के लिए नफरत की वजह से इस पार्टी ने देश के संस्थानों और उनकी रिपोर्ट्स की भी उपेक्षा शुरू कर दी है और प्रोपगैंडा चलाने वालों की बात कहना शुरू किया है। मैं सोचता हूं कि क्या इस पार्टी को भारत के लोकतंत्र में भागीदारी का अधिकार भी है।

आरोपी दवा कंपनी के खिलाफ कड़ा एक्शन!

उज्बेकिस्तान में भारतीय कफ सिरप से बच्चों की मौत के दावे के बाद स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार ( 30 दिसंबर) को ट्विटर के जरिए मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी।उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खांसी की दवाई डॉक-1 मैक्स (Dok1 Max) में अशुद्धि की रिपोर्ट के मद्देनजर मैरियन बायोटेक की सभी दवाओं के उत्पादन को 29 दिसंबर रात से रोक लगा दी है। आगे की जांच जारी है।

कंपनी ने निर्माण रोका, CDSCO की जांच जारी

मामले की जांच केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने शुरू कर दी है और कंपनी के कानूनी मामलों के प्रतिनिधि ने गुरुवार को कहा कि ‘डॉक-1 मैक्स’ दवा का निर्माण ‘फिलहाल’ रोक दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि दवा कंपनी के निरीक्षण के आधार पर आगे कदम उठाया जाएगा।

भारत की फार्मा इंडस्ट्री बेहद भरोसेमंद : विदेश मंत्रालय

इस मामले पर विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि भारत की फार्मा इंडस्ट्री पूरी दुनिया के लिए एक भरोसेमंद सप्लायर रही है, और सरकार इस तरह के किसी भी मामले को बहुत गंभीरता से लेती है। खांसी के जिस सीरप के सेवन के चलते बच्चों की मौत की बात कही गई है उस ‘Dok1 Max’ सिरप को नोएडा स्थित भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक बनाती है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में पूछा गया था कि क्या इस तरह के मामलों से दुनिया में भारत की फार्मा इंडस्ट्री की छवि खराब नहीं हो रही है। बागची ने कहा, ‘भारतीय फार्मा इंडस्ट्री दुनिया भर के देशों के लिए एक भरोसेमंद सप्लायर रही है।’ उन्होंने यह भी कहा कि कथित तौर पर कफ सीरप के सेवन से 18 बच्चों की मौत के बाद उज्बेकिस्तान में कंपनी के एक स्थानीय प्रतिनिधि सहित कुछ लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गयी है और इस संदर्भ में हम उन लोगों को जरूरी राजनयिक सहायता प्रदान कर रहे हैं।

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