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Lockdown में Bollywood के 5 लाख वर्कर्स पर संकट, 1000 करोड़ के नुकसान की आंशका

savan meena

Lockdown में Bollywood के 5 लाख वर्कर्स पर संकट : महाराष्ट्र में 15 दिन का लॉकडाउन लग जाने से फिल्मों और सीरियल्स की शूटिंग रुक गई है।

इससे सेट पर काम करने वाले 5 लाख टेक्नीशियन और दूसरे क्रू मेंबर्स के सामने फिर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।

करीब 2.40 लाख करोड़ का सालाना टर्नओवर देने वाली फिल्म इंडस्ट्री में टेक्नीशियन और क्रू मेंबर्स का तबका लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित है।

Lockdown में Bollywood के 5 लाख वर्कर्स पर संकट :  इनमें से ज्यादातर लोग डेली वेजेज पर काम करते हैं।

फिल्म इंडस्ट्री के फेडरेशन ने मांग की है कि दूसरे व्यवसाय के लोगों के लिए घोषित किए गए राहत पैकेज में सिनेमा से जुड़े लोगों को भी शामिल किया जाए।

वित्त मंत्री से भी लगाई गुहार

प्रेसिडेंट बीएन तिवारी के मुताबिक फेडरेशन ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मदद की गुहार लगाई है।

उनका कहना है- फिल्म उद्योग सालाना 2.40 लाख करोड़ का टर्नओवर करता है।

कई प्रकार के टैक्स सरकार को मिलते हैं। ये इंडस्ट्री भी देश का हिस्सा है।

सरकार की थोड़ी मदद सबकी लाइफ तो नहीं बदलेगी, लेकिन हमें लगेगा कि सरकार हमारे साथ खड़ी है।

हमारे पास सब वर्कर्स के बैंक अकाउंट, पैन नंबर मौजूद हैं।

सरकार हाथ बढ़ाए, सारी व्यवस्था हम करेंगे।

32 क्राफ्ट एसोसिएशन का फेडरेशन

FWICE 70 साल पुरानी फेडरेशन है। इसमें 32 क्राफ्ट के एसोसिएशन हैं। इन एसोसिएशंस में कुल 5 लाख लोग हैं।

जिनमें आर्टिस्ट, वीडियो एडिटर्स, आर्ट डायरेक्टर, कॉस्ट्यूम डिजाइनर, टीवी डायरेक्टर, फोटोग्राफी स्टिल और मूविंग,

सिंगर्स, बाउंसर्स, कैमरा टेक्नीशियन, डबिंग आर्टिस्ट, कर्मचारी, जूनियर आर्टिस्ट, स्टंटमैन, कॉस्ट्यूम,

म्यूजिशियन, स्क्रीन राइटर्स, डांसर्स और मॉडल्स समेत क्राफ्ट्स और व्यवसायों के एसोसिएशन शामिल हैं।

आर्थिक पैकेज में सिने एम्प्लॉइज को भी शामिल करें

फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे ने बताया कि हम सरकार को 15 दिन के लॉकडाउन में सपोर्ट करेंगे, लेकिन सरकार हमारी भी मदद करे।

डेली वेजेज वर्कर्स के बारे में सोचा जाना चाहिए।

सरकार ने बाकी ट्रेड के लोगों के लिए 5,500 करोड़ का पैकेज दिया है, उसमें सिने एम्प्लॉइज को भी शामिल किया जाना चाहिए ।

फिल्म सिटी में ही होगा वैक्सीनेशन

जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे ​के मुताबिक​​​​​​ फेडरेशन ने सरकार को पत्र लिखकर बताया था कि यहां दिनभर काम करने वाले एम्प्लॉइज के लिए वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर टीका लगवाने के लिए लाइन में खड़े रहना संभव नहीं। हमारी बात सुनी गई और नियम बदले गए। फिल्म सिटी में हर रोज 8 से 10 हजार लोग काम करते हैं। अब इनके लिए फिल्म सिटी में ही एक वैक्सीनेशन सेंटर बनेगा।

यशराज फिल्म्स ने कहा है कि जितने भी लोग उनके लिए काम कर रहे हैं, वो सभी का वैक्सीनेशन कराएंगे। एक प्रोड्यूसर आगे आए तो और प्रोड्यूसर भी आएंगे। फेडरेशन ने कम दर में टेस्ट के लिए विक्रम भट्ट का सहयोग लेकर व्यवस्था बनाई है। यहां काम करने वाले लोग 850 के बजाय 550 रुपए में RT-PCR टेस्ट करा सकेंगे। हर सात दिन में यह टेस्ट होगा।

लॉकडाउन और लंबा खिंचा तो 1,000 करोड़ का नुकसान

 तिवारी कहते हैं फिल्म इंडस्ट्री की गाड़ी बड़ी मुश्किल से पटरी पर आई थी। इस बार 15 दिन का लॉकडाउन लगा है, लेकिन ये उससे ज्यादा चला तो इंडस्ट्री को कम से कम 1,000 करोड़ का नुकसान होगा। ये वैश्विक आपदा है, इसमें हम सरकार के साथ खड़े हैं, हम सरकार से मांग करेंगे कि हमें बायो बबल के साथ गाइडलाइन के अनुसार शूटिंग की परमिशन मिले।

वर्कर्स को साइट पर रहने की अनुमति दें

यशराज फिल्म्स का कहना है कि कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में जो वर्कर साइट पर ही रहते हैं, राज्य सरकार ने उन्हें काम जारी रखने की अनुमति दी है। हम भी अपील करेंगे कि हमारे वर्कर्स को भी सेट पर रहकर काम करने की अनुमति मिले।

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