नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले विदेशी दौरे पर मालदीव जाएगें। वही विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने पहले विदेशी दौरे पर पड़ोसी देश भूटान जाएगें। शुक्रवार से शुरू होने वाला विदेश मंत्री का यह दौरा दो दिन का होगा। इस इलाके में लगातार चीन की बढ़ती हलचल को देखते हुए विदेश मंत्री का भूटान दौरा काफी अहम माना जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि यात्रा के दौरान जयशंकर भूटान के प्रधानमंत्री लोटेय शेरिंग से मुलाकात करेंगे। भूटान के नरेश जिग्मे खेशर नामग्याल वांगचुक से भी उनकी बातचीत होगी। वह भूटान के अपने समकक्ष टांडी दोरजी से भी मिलेंगे।
रवीश कुमार ने कहा, विदेश मंत्री के तौर पर जयशंकर का विदेश का यह पहला दौरा होगा। उनकी यात्रा इस परंपरा के अनुरूप है कि भारत अपने करीबी मित्र एवं पड़ोसी भूटान के साथ द्विपक्षीय संबंध को महत्व देता है। भूटान, भारत का करीबी सहयोगी है और पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है।
प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, भारत और भूटान के अनूठे और सदाबहार संबंध हैं। यह आपसी भरोसे, सद्भावना और आपसी समझ पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इस दौरान, दोनों देशों के बीच आगामी उच्च स्तरीय आदान-प्रदान, आर्थिक विकास और पनबिजली सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा होगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, विदेशों में भारतीयों की मदद करने के लिए सुषमा स्वराज के सोशल मीडिया अभियान को आगे भी जारी रखेंगे। परेशानी में फंसे भारतीयों पर अत्याधिक जोर दिया।
जयशंकर ने गुरुवार को कहा, भारत के अधिकतर लोग मानते हैं कि पिछले पांच साल में दुनियाभर में देश का कद बढ़ा है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार को लगातार दूसरी बार मिली जीत में इसकी भूमिका अहम रही। जयशंकर ने कहा कि विश्व में नया संतुलन स्थापित हो रहा है और चीन का उभार तथा कुछ हद तक भारत का उभार भी इसका ज्वलंत उदाहरण है।