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बंगाल इलेक्शन एग्जिट पोल 2021 : महापोल में बंगाल में BJP सबसे बड़ी पार्टी

Ranveer tanwar

पश्चिम बंगाल के चुनावी समर में एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं,

जिसके मुताबिक कड़े मुकाबले में बीजेपी के हाथ बाजी लग सकती है।

कुल 7 सर्वे के महापोल का औसत निकालें तो बीजेपी को 142 सीटें हासिल हो सकती हैं,

जबकि टीएमसी के खाते में 135 सीटें जा सकती हैं।

राज्य में 292 सीटों पर वोटिंग हुई है और इस तरह से देखें तो राज्य में बहुमत के लिए

147 सीटों के जादुई आंकड़े की जरूरत है। कुल 7 सर्वे में से 3 में टीएमसी को बढ़त दिखाई गई है,

जबकि 4 सर्वे में बीजेपी की जीत का दावा किया गया है।

भले ही बंगाल की चुनावी तस्वीर 2 मई को ही साफ होगी,

लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों ने असली परिणाम से पहले धड़कनों को तेज जरूर कर दिया है।

एबीसी नील्सन-सी वोटर सर्वे के मुताबिक राज्य में टीएमसी को 152 से 164 सीटें मिल सकती हैं।

वहीं 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा करने वाली बीजेपी को 109 से 121 सीटें ही मिलेंगी।

रिपब्लिक टीवी-सीएनएक्स एग्जिट पोल के सर्वे में 138 से 148 सीटें बीजेपी को मिलने की उम्मीद जताई गई है।

वहीं ममता बनर्जी की टीएमसी को 128 से 138 सीटें मिल सकती हैं।

लेफ्ट और कांग्रेस 11 से 21 सीटें मिल सकती हैं।

वहीं कांग्रेस-लेफ्ट का संयुक्त मोर्चा 3 से 9 सीटों पर ही सिमट सकता है।

रिपब्लिक टीवी का यह सर्वे पश्चिम बंगाल में बीजेपी की उम्मीदों को बढ़ाने वाला है। इंडिया टीवी के सर्वे में बंगाल में बीजेपी को 173 से 192 सीटें मिलने का अनुमान है। इसके अलावा टीएमसी के 64 से 88 सीटों पर ही सिमटने का दावा किया गया है। इसके अलावा जन की बात सर्वे में भी बीजेपी को 162 से 185 सीटें मिलने की बात कही गई है। इसके अलावा टीएमसी को 104 से 121 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं कांग्रेस-लेफ्ट का संयुक्त मोर्चा 3 से 9 सीटों पर ही सिमट सकता है।

कई बार सीटों को लेकर एग्जिट पोल के अनुमान सटीक नहीं होते

पिछले 5 लोकसभा चुनाव यानी 1999 से लेकर अब तक 2019 तक 37 बड़े एग्जिट पोल आए, लेकिन करीब 90% अनुमान गलत साबित हुए।
1999 में हुए चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने NDA की बड़ी जीत दिखाई थी। उन्होंने NDA को 315 से ज्यादा सीट दी थीं। नतीजों के बाद NDA को 296 सीटें मिली थीं।
2004 में एग्जिट पोल पूरी तरह से फेल साबित हुए। अनुमानों में दावा किया गया था कि कांग्रेस की वापसी नहीं हो रही। सभी ने भाजपा को बहुमत मिलता दिखाया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। NDA को 200 सीट भी नहीं मिल सकीं। इसके बाद कांग्रेस ने सपा और बसपा के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई।
2009 में भी एजेंसियों ने UPA को 199 और NDA को 197 सीटें मिलने के कयास लगाए गए थे, लेकिन UPA ने 262 सीटें हासिल की थीं। NDA 159 सीटों पर सिमटकर रह गया था।

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