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गांव-गांव में उपलब्ध होंगी शहरों जैसी चिकित्सकीय सुविधाएं -चिकित्सा मंत्री

Ranveer tanwar

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि प्रदेश के 18 हजार से अधिक चिकित्सा संस्थानों को निरंतर आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि शहरों जैसी चिकित्सीय सुविधा प्रदेश के प्रत्येक गांव में उपलब्ध हो, ताकि आमजन को शहरों तक इलाज के लिए आना नहीं पड़े।

डॉ. शर्मा सोमवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन व आरयूएचएस कॉलेज की ओर से आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर व पोस्ट कोविड मैनेजमेंट सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे। प्रदेश के चयनित 332 सामुदयिक स्वास्थ्य केन्द्रों को कोरोना की संभावित तीसरी लहर के लिए तैयार किया जा रहा है। इन केन्द्रों पर आईसीयू बैड, ऑक्सीजन की सुविधा और आवश्यक दवाएं हर समय उपलब्ध रहेंगी। विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर का असर बच्चों पर रहने की आशंका है। इसी को देखते हुए प्रदेश शिशु चिकित्सालयों भी ऑक्सीजन बैड व अन्य आवश्यक सुविधाओं में बढ़ोतरी की जा रही है।

प्रतिदिन 1 लाख 50 हजार से अधिक जांच करने की क्षमता भी विकसित कर ली है।

1 लाख 50 हजार से अधिक प्रतिदिन जांच करने की क्षमता – चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोरोना की दोनों लहरों में राज्य सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है। मार्च 2020 में कोरोना का पहला केस मिला था तब प्रदेश में आरटी पीसीआर टेस्ट को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। उसी वक्त यह तय कर लिया था कि प्रदेश को जांच के मामले में आत्मनिर्भर बनाएंगे। आज प्रदेश के प्रत्येक जिले में आरटी पीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है और प्रतिदिन 1 लाख 50 हजार से अधिक जांच करने की क्षमता भी विकसित कर ली है।

ऑक्सीजन उत्पादक यंत्रों के जरिए लगभग 1 हजार मैट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता विकसित कर ली है।

ऑक्सीजन के मामले में राजस्थान हुआ आत्मनिर्भर- डॉ. शर्मा ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेशवासियों को मेडिकल ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ा। केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश को केवल 400 मीटिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई, जबकि जरुरत 650 मीटिक टन से अधिक की थी। ऎसी किसी और स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश में 400 मेडिकल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट व अन्य ऑक्सीजन उत्पादक यंत्रों के जरिए लगभग 1 हजार मैट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता विकसित कर ली है।

राजस्थान हर क्षेत्र में अव्वल- डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान उत्कृष्ट कार्य करते हुए ऑक्सीजन प्रबंधन, दवाइयों की उपलब्धता और वैक्सीनेशन प्रबंधन में अव्वल रहा है। इसी का परिणाम है प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौत की दर काफी कम है। चिकित्साकर्मियों के दिन-रात परिश्रम और विशेषज्ञों की सटीक रणनीति के कारण प्रदेश ने कोरोना की दूसरी लहर से तेजी से उबरा है

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