Madhuri Sonkar
आजकल तापमान में काफी उतार-चढ़ाव आ रहा है। कभी दिन में तेज धूप निकल रही है, तो रात होते ही तापमान काफी नीचे चला जा रहा है। इन सभी कारणों से एलर्जी, सर्दी, जुकाम, बुखार और गले में खराश जैसी समस्याएं हो रही हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए बताने जा रहे हैं आपको कुछ उपाय।
मौसम में बदलाव और प्रदूषण से एलर्जी होने की प्रबल आशंका रहती है। ऐसे में इससे बचने के लिए आपको इन चीजों पर विशेष ध्यान देना है। ठंड के मौसम में अचानक से गर्म कपड़े पहनना बंद न करें। तापमान में उतार चढ़ाव के चलते शरीर तालमेल नहीं बैठा पाता है।
रेस्पिरेटरी संक्रमण में दो तरह के गंभीर मामले सामने आ रहे हैं। पहला, वायरल निमोनिया, जिन्हें इंफ्लूएंजा या फ्लू कहते हैं। दूसरा कम्युनिटी एक्वायर्ड निमोनिया यानी बैक्टीरियल निमोनिया। इस तरह की समस्या होने पर सबसे पहले उसकी जांच कराएं कि संक्रमण वायरल है या बैक्टीरिया जनित।
मौसम में बदलाव होता है, तो हमारी दिनचर्या भी प्रभावित होती है। कुछ लोगों के मूड पर भी असर होता है यानी चिड़चिड़ापन जैसी दिक्कतें आने लगती हैं। कुछ लोगों को एंग्जाइटी, डिप्रेशन, थकावट भी महसूस होती है। काम करने में मन नहीं लगता। सारा दिन बिस्तर पर रहने और लोगों से बात नहीं करने का मन करता है। इस तरह के लक्षणों को हम सीजनल अफेक्टिव डिसआर्डर कहते हैं।
सर्दियों में हम गर्म पानी से स्नान कर रहे होते हैं। इससे त्वचा का माइश्चाइजर निकलता रहता है। खुजलाहट के कारण भी संक्रमण हो सकता है। सर्दियों में जब माइश्चराइजर कम हो जाता है और अगर सिंथेटिक कपड़े का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इस वजह से भी एलर्जी हो सकती है।
सर्दी के कारण आमतौर पर लोग पानी का सेवन कम कर देते हैं, लेकिन तापमान में धीरे-धीरे हो रही वृद्धि से शरीर को पानी की जरूरत अधिक महसूस होने लगती है। ऐसे में पानी के साथ-साथ अन्य द्रव की मात्रा भी बढ़ाने की जरूरत है।