Chhatrapati Shivaji Maharaj ने प्रकारम दिखाते हुए 15 साल की उम्र में दुश्मनों से लिया था लोहा

Madhuri Sonkar

शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग, पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था। उनका पूरा नाम शिवाजी राजे भोंसले था। उनके पिता का नाम शाहाजी और माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी पर उनकी मां के धार्मिक गुणों का गहरा प्रभाव था।

Chhatrapati Shivaji Maharaj | @Social Media

शिवाजी की प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई। उन्हें धार्मिक, राजनीतिक और युद्ध विद्या की शिक्षा दी गई। शिवाजी की मां जीजाबाई और कोंडदेव ने उन्हें महाभारत, रामायण और अन्य प्राचीन भारतीय ग्रंथों का पूरा ज्ञान दिया। उन्होंने बचपन में ही राजनीति और युद्ध नीति सीख ली थी। उनका बचपन राजा राम, गोपाल, संतों तथा रामायण, महाभारत की कहानियों और सत्संग के बीच बीता।

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इतिहासकारों के अनुसार कहा जाता है कि शिवाजी की कई पत्नियां थीं। उनकी पहली शादी 14 मई 1640 में सईबाई निंबालकर के साथ हुई थी। तब शिवाजी की उम्र 10 साल थी। इनसे शिवाजी की 4 संताने थीं।

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शिवाजी की दूसरी पत्नी का नाम सोयराबाई मोहिते था, जो काफी चर्चित हुआ करती थीं। हालांकि उनकी पत्नियों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी मौजूद नहीं है। शिवाजी की मृत्यु के बाद उनका उत्तराधिकार संभाजी को मिला, जो शिवाजी के बड़े बेटे थे।

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पुणे में स्थित तोरणा किला प्रचंडगढ़ के नाम से भी जाना जाता है। 1645 में यहां हुई लड़ाई का हिस्सा शिवाजी भी थे। तब उनकी उम्र 15 साल थी। छोटी उम्र में ही अपना युद्ध कौशल दिखाते शिवाजी ने इसमें जीत दर्ज की थी।

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शिवाजी को कई उपाधियां से नवाजा गया है। 6 जून, 1674 को रायगढ़ में उन्हें किंग ऑफ मराठा से नवाजा गया था। इसके अलावा छत्रपति, क्षत्रियकुलवंतस, हिन्दवा धर्मोद्धारक जैसी उपाधियां उनकी वीरता के कारण दी गईं।

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