Madhuri Sonkar
अधिकांश देशों में सड़क हादसों को रोकने के लिए कई कानून बने हुए हैं। इसमें ट्रैफिक नियम समेत वाहन बनाने वाली कंपनियों पर लागू होने वाले नियम शामिल हैं।
सड़क पर चलते वक्त खासकर रात के समय आपने देखा होगा कि सड़क के किनारे पीले रंग के ब्लिंकर लाइट लगे होते हैं। इन लाइट को स्टड रिफ्लेक्टर भी कहा जाता है। इन लाइटों के जरिए ही रात के वक्त वाहन चलाने वाले ड्राइवर को सड़क को लेकर जानकारी मिलती है।
जब भी आप सड़क पर वाहन लेकर निकलते हैं तो आपको कुछ जगहों पर पीले या फिर लाल रंग के सड़क के पट्टी पर कुछ प्लास्टिक का लगा हुआ दिखाई देता होगा। दरअसल उसे स्टड रिफ्लेक्टर लाइट कहते हैं।
इस रिफ्लेक्टर का असल काम रात का होता है, वहीं कोहरे के समय सड़क का दायरा पता लगाने के लिए भी लोग सफेद पट्टी और इस रिफ्लेक्टर का इस्तेमाल करते हैं।
ये दो तरह के रिफ्लेक्टर्स होते हैं। एक को एक्टिव रिफ्लेक्टर्स और दूसरे को पैसिव रिफ्लेक्टर्स कहा जाता है. इसमें से एक रिफ्लेक्टर्स में तो सिर्फ रेडियम की वजह से लाइट दिखाई देती है, जबकि एक में लाइट के लिए एलईडी लगी होती है।
रिफ्लेक्टर्स लाइट बाजार में अलग-अलग कीमत में मौजूद है। दरअसल सड़क पर दिखने वाले ये लाइट लगते सस्ते हैं, लेकिन बाजार में ये अपनी क्वालिटी और मजबूती के आधार पर मौजूद हैं। बाजार में इनकी कीमत 300 रुपये से शुरू होकर 1100 रुपये तक है। हालांकि दाम का फर्क रिफ्लेक्टर्स की लाइट और मजबूती पर निर्भर करता है।