Lungs: इन वजहों से फेफड़े हो रहे कमजोर, आप भी तो नहीं कर रहें ये गलती

Madhuri Sonkar

फेफड़ों की बीमारियों का जोखिम दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है। अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और फेफड़ों का कैंसर इस महत्वपूर्ण अंग को प्रभावित करने वाली सबसे प्रमुख समस्याएं हैं।

आंकड़े बताते हैं, हर साल लाखों लोगों की मौत फेफड़ों की बीमारियों के कारण हो जाती है। किसी भी उम्र के व्यक्ति को फेफड़ों की समस्या हो सकती है, इसलिए फेफड़ों की अच्छी देखभाल करना और इसे नुकसान पहुंचाने वाली आदतों से बचाव करते रहना जरूरी है।

जीवनशैली की कई गड़बड़ आदतों को फेफड़ों के लिए हानिकारक माना जाता है। कुछ आदतें तो ऐसी हैं जो फेफड़ों में जहर भरने जैसी मानी जाती हैं। दुर्भाग्यवश देश में बड़ी आबादी इसकी शिकार है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

फेफड़े एक जटिल प्रणाली का हिस्सा हैं, जो ऑक्सीजन लाने और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालने के लिए हर दिन हजारों बार फैलते और सिकुड़ते हैं। फेफड़ों की बीमारी तब हो सकती है जब इस प्रणाली के किसी भी हिस्से में समस्या हो जाएं।

फेफड़ों के कैंसर और सीओपीडी जैसी गंभीर जानलेवा बीमारियों के लिए धूम्रपान प्रमुख कारक है। अस्थमा से पीड़ित लोगों में धूम्रपान की आदत अस्थमा अटैक को ट्रिगर कर सकती है।

धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में सीओपीडी से मरने की आशंका 13 गुना अधिक देखी जाती है। धूम्रपान की ही तरह प्रदूषण वाली जगहों पर रहना भी सेहत के लिए खतरनाक माना जाता है। इनडोर और आउटडोर प्रदूषक फेफड़ों की बीमारी का कारण बन सकते हैं। कभी-कभी कुछ प्रदूषकों से बचना मुश्किल हो सकता है।

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