Madhuri Sonkar
Goa में इन दिनों गोभी मंचूरियन को लेकर बवाल मचा हुआ है। गोवा के Mapusa में तो गोभी मंचूरियन पर बैन लगा दिया गया है। अब कोई भी दुकानदार या रेहड़ी वाला गोभी मंचूरियन नहीं बेच सकता है।
मापुसा पार्षद तारक अरोलकर ने पिछले महीने बोडगेश्वर मंदिर जात्रा (दावत) में सुझाव दिया था कि गोभी मंचूरियन पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। बाकी परिषद ने तुरंत सहमति व्यक्त की थी। जिसके बाद इस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया।
मंचूरियन गोभी पर बयान लगाने के पीछे की पहली वजह साफ-सफाई है। दूसरा कारण इसमें इस्तेमाल होने वाला सिंथैटिक कलर। सिंथैटिक कलर का इस्तेमाल मंचूरियन गोभी को लाल रंग देने के लिए किया जाता है।
गोभी मंचूरियन में इस्तेमाल होने वाला कलर सेहत के लिए काफी हानिकारक है। यहीं वजह है कि गोवा में मंचूरियन गोभी पर बैन लगाने का फैसला किया गया है।
एफडीए में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि गोभी मंचूरियन में हानिकारक घटिया चटनी का उपयोग करने के लिए शिकायत आई थी। जिसमें कहा गया था कि गोभी मंचूरियन तैयार करने के लिए दुकानदार और रेहड़ी वाले घटिया गुणवत्ता वाली चटनी का उपयोग करते हैं।
आटे में किसी प्रकार के पाउडर और बैटर में कॉर्नस्टार्च का उपयोग करते हैं ताकि गहरे तलने के बाद, फूलगोभी के फूल लंबे समय तक कुरकुरा रहें। अधिकारी के अनुसार यह पाउडर एक प्रकार का रीठा है जिसका उपयोग कपड़े धोने में किया जाता है। जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है। बता दें कि इसके पहले 2022 में भी गोभी मंचूरियन को बैन किया गया था।