Madhuri Sonkar
कभी-कभार मूड स्विंग्स होना आम बात है, इसके लिए नींद पूरी न होना, अनहेल्दी डाइट, खराब तबियत, बहुत ज्यादा भागदौड़ जैसी चीज़ें जिम्मेदार हो सकती हैं।
रोजाना कुछ देर की एक्सरसाइज करने से शरीर के साथ दिमाग भी दुरुस्त रहता है। वॉकिंग, जॉगिंग, स्वीमिंग, साइकिलिंग, योग जो भी पॉसिबल हो, उसे अपने रूटीन में शामिल करें। वर्कआउट करने से बॉडी में हैप्पी हार्मोन्स रिलीज़ होते हैं।
इनमें आपके दोस्त, ऑफिस कलीग्स या फिर परिवार का कोई सदस्य भी शामिल हो सकता है। बेसिकली उन लोगों से बातचीत करने के लिए वक्त निकालें, जो आपको नेगेटिविटी से दूर रखते हैं।
सोने का वक्त अगर आप मोबाइल और टीवी के साथ बिताते हैं, तो इससे भी बहुत ज्यादा मूड स्विंग्स होते हैं। नींद पूरी न होने से दिनभर थकान, सिरदर्द व पाचन से जुड़ी दिक्कतें परेशान कर सकती हैं, जिस वजह से छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आना, किसी से बात करने का दिल नहीं करना जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।
कई बार आपकी बॉडी को रेस्ट की जरूरत होती है, लेकिन व्यस्तता और जिम्मेदारियों के आगे आप इस डिमांड को इग्नोर करते रहते हैं, तो इससे भी मूड स्विंग्स हो सकते हैं।
अपनी बॉडी की जरूरत को समझें। अगर एनर्जेटिक नहीं फील कर रहे हैं, तो जबरदस्ती काम करने की कोशिश न करें। दिमाग को रिलैक्स करने के लिए उन चीज़ों को वक्त दें, जिन्हें करने से आपको खुशी मिलती है।