Madhuri Sonkar
हर साल चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल राम नवमी का त्योहार 17 अप्रैल को मनाया जाएगा। ये त्योहार भगवान राम जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
राम नवमी के शुभ अवसर पर भगवान राम के भक्त राम मंदिर में विशेष पूजा- अर्चना करते हैं। इसके साथ इस दिन मंदिरों में राम जी के भजन कीर्तन किये जाते हैं। यह पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने अपना सातवा अवतार राम के रूप में लिया। वो अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र बनकर धरती लोक पर आए। जगत का कल्याण करने के लिए और रावण का वध करने के लिए भगवान ने राम का अवतार लिया।
राम नवमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जाती को भी दर्शाता है। राम ने हमेशा धर्म का साथ दिया। भगवान राम राजा दशरथ और रानी कौशल्या के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में जन्म लिया था।
रामायण के अनुसार भगवान राम का जन्म चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन हुआ था। अयोध्या के राजा दशरथ की तीन रानियां थी पर उनकी संतान एक भी नहीं थी। इस कारण राजा बहुत दुखी रहते थे।
संतान प्राप्ति के लिए राजा दशरथ ने यज्ञ किया। उसके बाद उनकी तीनों रानियां गर्भवती हुई। चैत्र नवमी के दिन भगवान राम ने रानी कौशल्या के गर्भ से जन्म लिया। ये राजा दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे ज्येष्ठ पुत्र थे। उसके बाद भरत, शत्रुधन और लक्ष्मण का जन्म हुआ। भगवान ने धरती लोक को पाप से मुक्त किया।