गर्मी के संपर्क में आने से हार्ट, फेफड़े और लीवर में होते है ये बदलाव

Madhuri Sonkar

देश के ज्यादातर राज्यों में जारी भीषण गर्मी-लू जानलेवा साबित हो रही है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक मार्च से 18 जून तक करीब 114 लोगों की मौत हो गई है और 41 हजार से अधिक लोगों में हीट स्ट्रोक का संदेह है। 

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, तेज गर्मी के कारण न सिर्फ हीट स्ट्रोक का खतरा रहता है बल्कि बढ़ती गर्मी शरीर के कई अंगों को गंभीर क्षति भी पहुंचा सकती है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया, जैसे-जैसे तापमान बढ़ता जाता है इससे संपूर्ण स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप है।  कुछ जगहों पर तापमान 45-47 डिग्री तक पहुंच गया है, इसलिए हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और गर्मी से होने वाली अन्य बीमारियों से बचने के लिए कदम उठाना जरूरी है।

त्यधिक गर्मी के संपर्क में लंबे समय तक रहने से शरीर का तापमान खतरनाक रूप से बढ़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप हाइपरथर्मिया हो सकता है। हाइपरथर्मिया असामान्य रूप से शरीर का तापमान बहुत बढ़ जाने की स्थिति है। यह तब होता है जब आपका शरीर क्षमता से अधिक गर्मी सोख लेता है या गर्मी को बाहर नहीं कर पाता है।

जब शरीर लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में रहता है, तो इसके कारण आप हीट एग्जॉशन के शिकार हो सकते है। इसके कारण कमजोरी, चक्कर आने, मतली और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए तो इससे हीट स्ट्रोक का खतरा हो सकता है।

तेज गर्मी के कारण हवा में गर्मी तो बढ़ती ही है साथ ही ये वायु की गुणवत्ता को खराब कर सकती है। खराब वायु गुणवत्ता श्वसन तंत्र के लिए समस्याकारक है। इससे अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी स्थितियों के बढ़ने या इसके ट्रिगर होने का भी खतरा हो सकता है।

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