गजल सम्राट Jagjit Singh ने जब युवा उत्सव में लोगों को बनाया था अपनी गायकी का मुरीद

Madhuri Sonkar

दिवंगत गायक जगजीत सिंह (Jagjit Singj Birth Anniversary) की आज 83वीं बर्थ एनिवर्सरी है।

Jagjit Singh

'जगजीत सिंह' एक ऐसा नाम जिन्होंने ‘चिठ्ठी न कोई संदेश’, ‘झुकी झुकी सी नजर बेकरार है कि नहीं’, ‘होश वालों को खबर क्या’ जैसे कई गजलों को अपनी आवाज से अमर कर दिया। 

Jagjit Singh

बॉलीवुड में भी जगजीत सिंह ने कई गजलों को अपनी आवाज दी। इन गजलों को लोग आज भी सुनना पसंद करते हैं। जगजीत सिंह के गजल ने हर किसी को अपनी आवाज का दीवाना बना दिया।

Jagjit Singh

'गजल सम्राट' जगजीत सिंह की 83वीं जयंती है। चलिए आपको गजल सम्राट के बारे में एक दिलचस्प किस्सा सुनाते हैं।

Jagjit Singh

आवाज का जादू बिखेर कर जगजीत सिंह ने गजल की दुनिया में एक अलग मुकाम हासिल किया, लेकिन उनके लिए यह सफर आसान नहीं रहा। इस सफलता के लिए जगजीत सिंह ने काफी संघर्ष किया। 

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इस दौरान उनकी निजी जिंदगी में भी काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला। जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 में राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में हुआ था। बचपन से ही उनका रुझान संगीत में था।

Jagjit Singh

उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से उन्होंने संगीत की शिक्षा ली। इसके बाद जगजीत आगे की पढ़ाई के लिए जालंधर आ गए। यहां उन्होंने डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली।

Jagjit Singh

अंतरराज्यीय महाविद्यालय युवा उत्सव में हिस्सा लेने बंगलूरू गए थे। इस प्रतियोगिता में आज के मशहूर फिल्म निर्देशक सुभाष घई भी हिस्सा लेने पहुंचे थे। रात 11 बजे मंच पर जगजीत सिंह का नंबर आया। उन्होंने जब गाना शुरू किया तो लोग उनकी गायकी के लोग मुरीद हो गए।