जनवरी में जहां फिनटेक यूनिकॉर्न भारतपे के संस्थापक की पत्नी के खिलाफ आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को कंपनी ने बर्खास्त कर दिया था वहीं भारतपे के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर ने अब एक पत्र लिखकर कंपनी के बोर्ड में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि सिंगापुर में अपने खिलाफ जांच शुरू करने के लिए फिनटेक प्लेटफॉर्म के खिलाफ दायर मध्यस्थता में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते यह कदम उठाया गया है।
बच्चे की तरह कंपनी का रखा ख्याल
भारतपे के दिनों को याद करते हुए ग्रोवर ने बताया कि कैसे उन्होंने स्थापित कंपनियों को टक्कर देकर ब्रांड को आगे बढ़ाया। वह पत्र में कहते हैं, 'मैंने भरतपे को एक बच्चे की तरह पाला है। जब भारतपे ने यूपीआई क्षेत्र में प्रवेश किया, तो पेटीएम, फोनपे और गूगल पे जैसे दिग्गज पहले ही स्थापित हो चुके थे।
इसके बाद भी मैंने टैलेंटेड टीम की मदद से भारतपे को आगे बढ़ाया और यह कंपनी इंडस्ट्री में लीडर बनकर उभरी। भारत में पहली बार किसी फिनटेक कंपनी को स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस मिला और बाद में हमने पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं की गाढ़ी कमाई को बचाने की कोशिश की।
कंपनी के बोर्ड को चुनौती
अपने इस्तीफे के अंत में ग्रोवर कंपनी के बोर्ड को चुनौती दी हैं, उन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हैं। उन्होंने लिखा, 'आपको लगता है कि मेरी उपयोगिता खत्म हो गई है। यह चलन देखा गया है कि स्टार्टअप की सफलता के बाद संस्थापक को बाहर करने के लिए उसे खलनायक बना दिया जाता है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था। हालांकि आप जांच करें। मेरे खिलाफ एक भी गड़बड़ी नहीं मिलेगी। जहां तक बात मेरी है तो मैंने जो वैल्यू बनाई है, आप लोग उसका आधा भी बनाकर दिखा दें. मैंने भारतपे को बनाया है और इसे मौजूदा मुकाम पर पहुंचाया है। यह पहचान मुझसे कोई नहीं छीन सकता।