Hindenburg Research Report: अडानी ग्रुप के खिलाफ सबसे बड़े कॉर्पोरेट घोटाले का आरोप लगाकर हिंडनबर्ग रिसर्च भारत में सुर्खियों में आ गया है। फर्म ने भारत के सबसे अमीर व्यवसायी गौतम अडानी पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसका शीर्षक 'अडानी ग्रुप: हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉर्पोरेट हिस्ट्री' है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अडानी समूह दशकों से स्टॉक हेरफेर और खाता धोखाधड़ी में शामिल रहा है। इस रिपोर्ट के आने के बाद से ग्रुप का मार्केट कैप से 4.1 लाख करोड़ रुपए साफ हो गया है।
Hindenburg Research Report: यह एक निवेश अनुसंधान फर्म या फोरेंसिक वित्तीय अनुसंधान फर्म है। फर्म इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स पर विश्लेषण रिपोर्ट पेश करती है। नाथन एंडरसन इसके सीएफए हैं। उन्होंने 2017 में न्यूयॉर्क में इस फर्म की शुरुआत की थी। कंपनी खुले तौर पर खुद को एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर बताती है।
शॉर्ट सेलिंग का मतलब स्टॉक, सिक्योरिटी या कमोडिटी की बिक्री को ट्रिगर करना है ताकि इसकी कीमत डिलीवरी के समय से पहले गिर जाए और इसे कम कीमत पर खरीदा जा सके। यानी कंपनी खुलेआम किसी कंपनी को टारगेट करती है और उसकी खामियों निकालती है, फिर उसके शेयर गिरते हैं, फिर उसे खरीद लेती है और बाद में मुनाफा कमाती है।
अडानी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट में भी कंपनी ने बताया है कि इस रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में 85 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। रिपोर्ट के दो दिनों के भीतर शेयरों में 25% की गिरावट आई है।
साल 2020 से अब तक कंपनी 30 रिपोर्ट्स लेकर आई है और इन 30 कंपनियों के एवरेज स्टॉक रिपोर्ट पर नजर डालें तो इनके शेयरों में करीब 15 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं, छह महीने में औसतन 26% की गिरावट देखी गई। उन्होंने 2020 में निकोला पर एक रिपोर्ट निकाली थी, जिसके बाद कंपनी के शेयरों में 94% की गिरावट आई थी।
अमेरिकी न्याय विभाग इस फर्म के खिलाफ जांच कर रहा है कि यह हेज फंड के साथ मिलकर शॉर्ट सेलिंग कर रही है। लेकिन वो पहले ही बता देते हैं कि वो उस कंपनी में शॉर्ट हैं और उनके इनवेस्टर्स भी उसमें शॉर्ट लेते हैं, जिसके बाद रिपोर्ट जारी की जाती है। रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले इसे 10 निवेशकों के साथ साझा किया जाता है।
कंपनी की रिपोर्ट के बाद शेयरों में गिरावट आई है, जिसमें प्राइस रिएक्शन का ट्रैक रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। SCWORX नाम की एक कंपनी थी, जिसके शेयर रिपोर्ट आने के अगले दिन 3.3% गिरे थे, लेकिन 3 महीने बाद 90% गिर गए थे।
वहीं, जीनियस ब्रांड के खिलाफ रिपोर्ट आने पर कंपनी के शेयरों में 13.4% की गिरावट आई, लेकिन 3 महीने बाद शेयरों में 85% की गिरावट आई।
Ideanomic के शेयर 40% गिरे, 3 महीने बाद इसमें 64% की गिरावट दर्ज की गई कई ऐसी कंपनियां हैं, जिनमें कीमतों का ऐसा रिएक्शन देखने को मिला है।