पाकिस्तान ने भी माना आर्टिकल 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला

पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद-370 को हटाना भारत का "आंतरिक मामला" था।
पाकिस्तान ने भी माना आर्टिकल 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला
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डेस्क न्यूज़: पाकिस्तान की इमरान खान सरकार और सेना पर मीडिया और विपक्ष कश्मीर मुद्दे पर चुप्पी साधने का आरोप लगा रही है।

इस बीच, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।

कुरैशी ने एक साक्षात्कार में कहा- मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि धारा 370 को हटाने से पहले भी हमें कोई समस्या नहीं थी, और अब भी नहीं है।

कुरैशी ने कहा हम मानते हैं कि ये भारत का आंतरिक मामला है, लेकिन धारा 35ए हटाने पर हमें आपत्ति है और चिंता भी है।

हम इसे बारे में पहले भी अपना नजरिया साफ कर चुके हैं।

इस बयान को पाकिस्तान का यू-टर्न माना जा सकता है

इसे पाकिस्तान का यू-टर्न माना जा सकता है, क्योंकि खुद प्रधानमंत्री इमरान खान संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के अन्य मंचों में धारा 370 को हटाने का विरोध करते रहे हैं।

खास बात यह है कि कुरैशी ने यह बयान सऊदी अरब की यात्रा पर जाने से ठीक पहले दिया है।

पाकिस्तान में खबरें हैं कि सऊदी अरब और यूएई कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा रहे हैं।

कुरैशी ने सऊदी जाने से पहले एक मीडिया साक्षात्कार दिया।

कश्मीर मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा- हमारा मानना है कि धारा 370 को हटाना भारत का आंतरिक मामला है और केवल उन्हें ही इसकी जानकारी होनी चाहिए।

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई कर रहा है।

हमारी चिंता धारा 35 ए को लेकर है।

इसके साथ ही कश्मीर की भौगोलिक और जनसंख्या के संतुलन को बदलने की कोशिश की जा रही है। हम 370 को महत्व नहीं देते।

FATF के लिए सऊदी को मनाने की कोशिश

कुरैशी ने इस बात से इनकार किया कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच संबंध खराब हुए हैं।

उन्होंने कहा- सऊदी ने FATF में पाकिस्तान के पक्ष में वोट नहीं दिया, लेकिन यह उस समय की बात है।

हालात में और बदलाव की उम्मीद है। राजनीति अलग है, लेकिन हमने एफएटीएफ की सभी शर्तों को पूरा किया है।

हमने सऊदी की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

भारत से गुप्त बातचीत के सवाल पर उलझे

कुरैशी से सवाल पूछा गया कि भारत के साथ पिछले दो साल से बैक चैनल डिप्लोमेसी हो रही है, तो सरकार चुप क्यों है।

पहले तो कुरैशी ने इसे बैक चैनल डिप्लोमेसी मानने से इनकार कर दिया।

इस पर उनसे पूछा गया कि जब लंदन और दुबई में ISI चीफ और RAW चीफ से मुलाकात होगी तो इसे क्या कहा जाएगा? इस पर कुरैशी अड़ गए। कहा- हम स्थिति के बारे में एक दूसरे को चेतावनी देने के लिए ऐसा कर रहे हैं।

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