कोरोना महामारी के बाद अब कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के मामले देश में तेज़ी से बढ़ने लगे है। आम जनजीवन पटरी पर लौटने ही लगा था कि ओमीक्रॉन ने अपनी दहशत फैलाना शुरू कर दिया। अभी हाल ही में अमेरिका से मुंबई आने वाला एक 29 साल का शख्स ओमीक्रॉन संक्रमित पाया गया है। चौंकाने वाली बात तो यह है की इस शख्स ने फाइजर की कोविड वैक्सीन की तीन डोज ली हुई हैं और शख्स में कोरोना के कोई लक्षण भी नहीं हैं।
इस बात की जानकारी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने एक विज्ञप्ति जारी कर दी। बीएमसी ने कहा की मुंबई एयरपोर्ट पर 9 नवंबर को किए गए कोविड-19 टेस्ट में वह व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया, जिसके बाद उसके सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया। बता दें कि, उसके दो हाई-रिस्क कॉन्टैक्ट कोरोना टेस्ट में निगेटिव पाए गए हैं।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले
देश की आर्थिक राजधानी में ओमीक्रॉन के मामलों संख्या बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र में शुक्रवार को एक बार फिर 8 नए मरीज मिले। बता दें कि, संक्रमित पाए गए ये सभी लोग विदेशों से लौटे है। इनमें से 4 व्यक्ति संयुक्त अरब अमीरात, एक व्यक्ति अमेरिका और एक नाइजीरिया से लौटे है। जबकि इन लोगों के संपर्क में आए 2 व्यक्तियों में नए संक्रमण की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र में अब कुल मामले बढ़कर 40 हो गए हैं।
मुंबई में धारा 144 लागू
बता दें कि, ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई में 16 दिसंबर से 31 दिसंबर तक धारा 144 लागू कर दी गई है। गुरुवार को मुंबई पुलिस ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के उपायों के तहत क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या को देखते हुए शहर में बड़े समारोहों पर फिलहाल प्रतिबंध लागू रहेगा।
आर्थिक राजधानी के बाद राजस्थान में सबसे ज्यादा मामले
देश में ओमीक्रॉन से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है, जहां अब तक कुल 32 मामले मिल चुके है। वहीं अगर राजस्थान की बात करें तो, 17 मामलों के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा गुजरात, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, तमिलनाडु और दिल्ली में भी ओमीक्रॉन संक्रमित पाए गए है।
ओमीक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन विकसित कर रहा फाइजर
अमेरिकी फार्मास्युटिकल फर्म फाइजर ने जर्मनी के बायोएनटेक एसई. के साथ मिलकर कोविड-19 की वैक्सीन को विकसित किया है। वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अब अपनी वैक्सीन का नया वर्जन विकसित कर रही है, जो ओमीक्रॉन को हराने में मददगार हो। हालांकि, इसकी जरूरत को लेकर अभी तक कुछ कहा नहीं गया है। लेकिन माना जा रहा है कि ओमीक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन का ट्रायल अगले साल जनवरी में हो सकता है।
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