दुनिया में कोरोना की तीसरी वेव (लहर) आएगी, इस बात में अब कोई शक नहीं रह गया है। इसी को देखते हुए सरकार ने चेतावनी दी है कि अगले 100 से 125 दिन कोरोना से लड़ाई में अहम हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि, रोजाना के मामलों में जो गिरावट हो रही थी वह धीमी पड़ गई है। यह खतरे की घंटी है। प्रधानमंत्री माेदी ने टार्गेट दिया है कि तीसरी लहर को आने ही नहीं देना है।
नीति आयोग के स्वास्थ्य विभाग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि, हमने दूसरी लहर से सीखा है कि हम लापरवाही नहीं कर सकते हैं। यह वायरस बहुत चालाक और शातिर है।
उन्होंने कहा कि हम जुलाई से पहले वैक्सीन की 50 करोड़ डोज लगाने के अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे हैं। सरकार ने कोवीशील्ड और कोवैक्सीन की 66 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है। इसके अतिरिक्त 22 करोड़ डोज प्राइवेट सेक्टर को दी जाएंगी।
देश में कोविड वैक्सीनेशन की 39.4 करोड़ डोज का आंकड़ा पार हाे गया है। पहली डोज में 31.6 करोड़ वैक्सीन लगाई गईं, वहीं दूसरी डोज में 7.92 करोड़ वैक्सीन लगीं। दूसरी लहर के दौरान वैक्सीनेशन की वजह से डेथ रेट कम करने में मदद मिली। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के मुताबिक 10 मई को कोरोना के सक्रिय मामले लगभग 37 लाख थे, जो अब घटकर तकरीबन 4.30 लाख रह गए हैं।
लव अग्रवाल ने बताया कि 12 मई को कोरोना से रिकवरी को रेट 83% था जो अब बढ़कर 97.3% हो गया है। मई के पहले हफ्ते में 531 जिलों में रोजाना 100 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे थे। अब देश में ऐसे सिर्फ 73 जिले रह गए हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना लगभग 18 लाख टेस्ट भी कराए जा रहे हैं।
नीति आयोग के स्वास्थ्य विभाग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि काेरोनावायरस की दूसरी लहर के दाैरान वैक्सीन की पहली डोज से मृत्यु दर में 82% तक कमी आई, वहीं दूसरी डोज से 95% मौतों को रोका जा सका।
लव अग्रवाल ने कहा कि कई स्टडीज में यह सामने आया है जैसे-जैसे लोग अपने कामों की तरफ लौट रहे हैं, वे मास्क का कम इस्तेमाल कर रहे हैं। यह बेहद जरूरी है कि फेस-मास्क को अब जीवन का सामान्य अंग मान लिया जाए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में सूचना दी जा रहा है कि कोरोना के मामलों में इजाफे के चलते भारत में लाखों बच्चों को वैक्सीन डोज नहीं लग पाई है, जिससे उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। ये रिपोर्ट्स सही नहीं हैं।
दुनिया के कई हिस्सों में हालत बद से बदतर हो चुकी है। कुल मिलाकार दुनिया तीसरी लहर की तरफ जा रही है। इसे लेकर WHO की चेतावनी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। यह चिंता का विषय है। देश के हेल्थ मैनजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (HMIS) के मुताबिक, 2021 की पहली तिमाही में डिप्थीरिया-टेटनेस-पर्टुसिस (DTP3) के टीके लगाने में 99% कवरेज हासिल किया है।
यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम (UIP) के तहत बच्चों को सभी प्रमुख टीके उपलब्ध कराने और कोरोना के बुरे नतीजों को कम करने की दिशा में काम किया गया है। कोविड महामारी फैलने के बाद से ही स्वास्थ्य मंत्रालय जरूरी सेवाओं को प्रदान करते रहने के लिए काम कर रहा है।